गुरुवार, 29 अगस्त 2024

सात्विक हिंदू जैन,बौद्धों का सांस लेना दूभर हो गया है।

 दुनिया के जिस किसी देश में वे बहुसंख्यक हैं,वहाँ उन्हें शरियत कानून नही चाहिए और जहां वे अल्पसंख्यक हैं ,वहाँ उन्हें शरियत कानून चाहिये,यदि सरकार नही माने तो दंगा फसाद की आजादी चाहिये!

यदि फ्रांस में कोई कार्टून छपता है,तो इन्हें भारत में हिंसक तांडव मचाने और तोड़ फोड़ का आतंकी अधिकार चाहिए! इनमें से कुछ कुटिल तत्व भारत के शुद्ध अहिंसावादी समाज की बहु बेटियोंको प्रेम जालमें फांसने के लिये खुली छूट चाहते हैं!
यदि यही हरकत वे उन देशों में करें, जहाँ इनका बहुमत है,तो वहाँ संगसार कर दिये जायेंगे या खूनी तालिबानों की भांति अपनी ही कौम की बहु बेटियों का जीना दूभर करते रहेंगे! भारत में इन्हें लोकतंत्र धर्मनिर्पेक्षता बड़ी प्यारी है!जबकि बांग्लादेश,यमन सीरिया,ईराक,पाकिस्तान में शरीया कानून लागू हो न हो किंतु अल्पसंख्यक के नाम पर भारत में इन्हें विशेषाधिकार चाहिए। जबकि मुस्लिम बहुल देशों से लेकर भारत के मुस्लिम बहुल मुहल्लों तक में सात्विक हिंदू जैन,बौद्धों का सांस लेना दूभर हो गया है।
वेशक मुठ्ठी भर कट्टर पंथी मुस्लिम संगठनों और जाकिर नाइक जैसे जहरीले इस्लामिक स्कालरों ने सारी दुनिया में अनावश्यक निरुद्देश्य घमासान मचा रखा है।वे 'अहिंसा परमो धर्म ' का मजाक उड़ा रहे हैं और अहिंसा के पुजारी केवल अरणयरोदन को अभिशप्त हैं।
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Mukesh Choubey Mahabali and राजेंद्र श्रीवास्तव नीरज

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