धवल हिमालय की धसन ,ध्वस्त-पस्त नेपाल।
भूकम्पों की मार से , काठमाण्डू बदहाल।।
काठमाण्डू बदहाल ,विपद में नेपाली भाई।
जाने कहाँ गयी रसद , मदद जो भारत से आई।।
चहुँ दिश हाहाकार , विकल हैं वाशिंदे सकल।
कहाँ हो पशुपतिनाथ , कहाँ दिव्य शक्ति धवल।।
श्रीराम तिवारी
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