भारतीय स्वाधीनता संग्राम में अपना सम्पूर्ण जीवन न्यौछावर कर देने के उपरान्त बमुश्किल ही मोहनदास करमचंद गांधी याने बापू को "राष्ट्रपिता' [Father Of The Nation] का अनौपचारिक खिताब हासिल हो पाया। यह भी किसी से छिपा नहीं है कि 'महात्मा गांधी' को राष्ट्रपिता मान लेने में अभी भी बहुतों को आपत्ति है। दरसल 'महात्मा गांधी' को दिया गया 'राष्ट्रपिता' का सम्मान तो सीमित ऐच्छिक अवकाश की तरह है कि चाहो तो उन्हें 'राष्ट्रपिता' मानो या यदि मर्जी न हो तो मत मानों। हालाँकि इससे उनकी महानता पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता। किन्तु इतना तो तय है कि वे निर्विवाद 'फादर ऑफ द नेशन ' तो निश्चय ही नहीं बन पाये हैं। यह स्वयंसिद्ध है कि भारत के संदर्भ में 'फादर ऑफ द नेशन' का तातपर्य है 'फादर ऑफ इंडिया'!
खबर ही कि दक्षिण अफ़्रीकी [पूर्व]क्रिकेटर जोंटी रोड्स ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति से प्रेरित होकर अभी हाल ही में मुंबई में जन्मी अपनी नवजात बिटिया का नाम 'इंडिया' रखा है। इस तरह जोंटी रोड्स भी अब 'फादर ऑफ द इंडिया ' बन चुके हैं। आम तौर पर यह भारतीय जन- मानस के लिए गौरव की बात हो सकती है कि किसी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर या सेलिब्रटी ने यदि अपनी बेटी का नाम करण करने में अपनी दक्षिण अफ़्रीकी वर्तमान सभ्यता या सनातन 'श्वेत सभ्यता' के बरक्स भारत की 'बहुलतावादी सभ्यता' को तरजीह दी है। सभी दूर से जोंटी रोड्स और उनकी पत्नी मेलानी को ढेरों बधाइयाँ मिल रहीं हैं। उनकी बिटिया को भारतीय नागरिकता भी हाथों हाथ मिलने जा रही है। किन्तु जोंटी रोड्स की इस गणेश परिक्रमा से मुझे घोर ईर्ष्या हो रही है। बुद्धि चातुर्य या भावात्मकता जो भी कहें लेकिन बहरहाल तो अपनी बेटी का नाम 'इण्डिया' रख देने मात्र से मिसेज मेलानी 'मदर ऑफ द इंडिया ' बन चुकी हैं। आईपीएल में व्यस्त मिस्टर जोंटी रोड्स सदा -सदा के लिए 'फादर ऑफ द इंडिया बन गए हैं ! आइन्दा सामन्य ज्ञान की पुस्तकों में यह प्रश्न भी इन्द्राज अवश्य होगा कि
"Who is the Father of India?"
चूँकि अब ' इंडिया' किन्ही महानुभाव की बिटियाका भी नाम है इसीलिये स्वाभाविक तौर पर सही जबाब होगा -जोंटी रोड्स इज द फादर आफ इण्डिया !
श्रीराम तिवारी
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