मंगलवार, 4 मार्च 2014

[चुनावी छप्पय छंद ]



     कोर कसर नहीं रखना है साथियो  ,

     वेला चुनावों की चरम पर आई है ।


     सोच समझ  वोट करना है  साथियो,

      देश के लुटेरों की करना धुनाई  है  ।।


       यूपीए  -कांग्रेस  अमीरों की जेब में ,

       वोटर  इनको गरीब की लुगाई है।


      अण्णा  अनाड़ी है ,ममता  खिलाड़ी है ,

     चिंदी  मिली  चुहिया  को   नंगी नहाई  है ।।

 
        केजरी -अमीरों  के  मुरीद 'आप' भी हैं ,

       तभी तो विनिवेश पर मुहर  लगाईं है।

     
         भ्रस्ट -पस्त दल-बदलु घेर-घार एनडीए ,

         'नमो' ने  सत्ता की जुगत भिड़ाई है  ।। 


                श्रीराम तिवारी
 

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