देश की संसद के लिए , हो रहे आम चुनाव।
जाति -मज़हब -वंश ने, पुनः बनाया ठाँव।।
ठग -लम्पट फिर से खड़े , बाहुबली तमाम।
जिनके कारण देश की , संसद हुई बदनाम।।
कोटि जतन चिंतक करे ,और चुनाव आयोग।
धांधली आम चुनाव की , मिटा नहीं है रोग ।।
लोकतंत्र के बदन पर, जिनने किये हैं घाव।
जनता उन् नेताओं पर ,पुनः लगाती दाव।।
मोदी माथे फिर लगा , कदाचरण का दाग।
भंडाफोड़ उनका हुआ ,विकीलीक्स के ब्लॉग ।।
निंदारस के नवोदित , नेता 'आप' बेजोड़।
गृह जिसके बलवान हैं ,उससे करते होड़ ।।
सतपाल महारज भी , ,चले भाजपा द्वार।
कांग्रेस की नाव का , कौन है खेवनहार ।।
जदयू -जया -करुणानिधि , वसपा -सपा- नवीन ।
वामपंथ के बिना नहीं , बजे किसी की वीन।।
दल -बदलू पिछड़े -दलित , कल तक थे बदनाम ।
एनडीए की मांद में , डूब रहे गुलफाम ।।
श्रीराम तिवारी
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