शनिवार, 31 अगस्त 2013

रेप करने वाला आसाराम क्या क़ानून से उपर है ?

  

       बरसों पहले एक फिल्म  देखी थी -अर्ध सत्य . फिल्म में सदाशिव राव अमरापुरकर विलेन  के  रूप में पुलिस हिरासत से बचने के लिए अपने अड्डे पर किले बंदी करता है . उसे गिरफ्तार करने के लिए ओमपुरी जी इन्स्पेक्टर के रूप में काफी मशक्कत करते हैं किन्तु 'विलेन' कहता है [दारू के नशे में] "कल आना " . ओमपुरी को अंत में फिल्म की पटकथा के अनुसार विलेन की धुलाई करनी पड़ती है . इस समय रात के ११ बज चुके हैं , जोधपुर पुलिस ' दीन -हीन  याचक की तरह,  इंदौर के खंडवा रोड स्थित 'आसाराम - आश्रम' के बाहर रेप काण्ड के आरोपी और  'मोस्ट वांटेड ' अपराधी आसाराम  की गिरफ्तारी के लिए  जूझ रही है . आम जनता में चर्चा है कि  आसाराम क़ानून और व्यवस्था खराब कर सकता है . गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने  आसाराम को किसी भी तरह के प्रोटेक्सन देने पर इतराज जताया है . यह कदम नरेन्द्र मोदी को उनके आद्र्शोंमुखी  व्यक्तित्व की छवि पेश कर रहा है . किन्तु मध्यप्रदेश में आसाराम को जो वेटेज  मिल रहा है उससे जनता में शिवराज सरकार की किरकिरी हो रही है .  गिरफ्तारी  तो दूर उस कुख्यात -दुर्दांत 'महाभ्रष्ट' पतित पापी से बातचीत करने के लिए भी  जोधपुर पुलिस को मध्यप्रदेश शासन और इंदौर पुलिस की ओर से कोई उचित   सहयोग नहीं मिल रहा है .  आश्रम में कीर्तन का ढोंग किया जा रहा है , कभी बीमारी का बहाना तो कभी -ध्यान  समाधि और प्रवचन  का बहाना बनाकर आसाराम गिरफ्तारी देने या जोधपुर पुलिस के समक्ष पेश होने  से   कतरा  रहे हैं . गनीमत है कि  कोई वास्तविक 'सिंहंम ' पैदा नहीं हुआ या फिल्म अर्धसत्य का इन्स्पेक्टर पैदा नहीं हुआ जो  उसे घसीटकर न्यायालय के समक्ष पेश कर सके . कांग्रेस और भाजपा को तो वोटों की चिंता है भले ही  ये एयास -ढोंगी  बाबा देश की बहु बेटियों माता बहिनों के साथ दुष्कर्म करें या देश के क़ानून याने सम्विधान को ठेंगा दिखारहें .

      श्रीराम तिवारी   

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