लोकतांत्रिक राज की , जनता है सरताज
ताज किसी के सर धरे , गिरे किसी पर गाज . .
लोकतंत्र की परीक्षक , यदि जनता विद्द्वान .
तो ही आम चुनाव में , ले सकती इम्तहान . .
पांच बर्ष नेतत्व ने, किये न जन-हित काम .
अब नेताओं की बानगी , ज्यों आंधी के आम . .
सत्ता सीन नेतत्व को , नहीं भरोसा रंच .
लोक लुभावन विधेयक ,केवल चिटिंग प्रपंच . .
श्रीराम तिवारी
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