घास कई प्रकार की होती हैं,उत्तर भारत के मैदानी भागों में मुश्याल,गौनैय्या,कांदी,काँस और गाजरघास इत्यादि प्रमुख हैं ! काँस और गाजरघास तो कोई पशु भी नहीं खाता। अधिकान्स मैदानों में ढोरोपयोगी घास तभी उगती है जब धरती में पर्याप्त नमी हो या वर्षात का मौसम हो। किन्तु जिस तरह काँस और गाजरघास को कुदरत ने अमरत्व प्रदान किया है,कि वे किसी भी जगह,किसी भी मौसम में, बिना सिचाई के,बिना देखभाल के,अपने आप बढ़ते रहते हैं।
इसी तरह दुनिया के कुछ धर्म- मजहब स्वतःस्फूर्त रूप से कट्टरवादी होते हैं। वे अपने आप परवान चढ़ते रहते हैं, क्योंकि उन पर शैतान सवार रहता है। इन कट्टरपंथी साम्प्रदायिक संगठनों को खत्म करने की कोशिशें बेकार हैं। क्योंकि ये रक्तबीज की औलादें हैं!ये 'काटे पै कदरी फरे' के जीवंत उदाहरण हैं। इन्हें काटोगे तो और ज्यादा कोंपलें फूटने लगेंगी। इन मजहबी और साम्प्रदायिक कट्टरपंथी संगठनों पर शैतान हमेशा प्रशन्न रहता है।
पूंजीवाद इन्हें खाद पानी देता है!इसीलिये कभी वे सलमान रुश्दी के सिर काटने का इनाम और फतवा जारी करते हैं,कभी राहत फतेह अलीको धमकाते हैं, कभी अमेरिका के पेंटागन पर हमला करते हैं,कभी मुंबई के ताज होटल में आग लगाते हैं,कभी दिल्ली में आग लगाते हैं!पाक पोषित और कश्मीर के मजहबी आतंकवादियों की तरह जामिया, एएमयू,शाहीनबाग के आतंकी भी इन्हीं कट्टरपंथी मजहबी संगठनों की ही नाजायज औलाद हैं! इन सबके कारण ही भारत को पाकिस्तान से विगत 72 साल से परोक्ष युद्ध झेलना पड़ रहा है!
ये बर्बर हिंसक आदमखोर दुष्ट मानवता और अमन के दुश्मन हैं!सभ्य और धर्मनिर्पेक्षजनों की यह जिम्मेदारी है कि इनसे सावधान रहें! CAA /NRC से भारत की सुरक्षा संभव है, इसलिये भले ही मोदी,शाह और भाजपा का विरोध करो,किंतु CAA/NRC का नही!
ये बर्बर हिंसक आदमखोर दुष्ट मानवता और अमन के दुश्मन हैं!सभ्य और धर्मनिर्पेक्षजनों की यह जिम्मेदारी है कि इनसे सावधान रहें! CAA /NRC से भारत की सुरक्षा संभव है, इसलिये भले ही मोदी,शाह और भाजपा का विरोध करो,किंतु CAA/NRC का नही!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें