साईं बाबा की जय जयकार !
एकही नाम है एकही रूप है एकही सृजनहार !
सब घट भीतर तूँ ही तूँ है जो जाने सो पार !!
तूँ ही गुरु पिता माता तूँ ही जग पालनहार !
बीच भॅवर में नाव हमारी तूँ ही खेवनहार !!
रोग हरो प्रभु शोक हरो हरिओ विपत विकार !
लोभ हरो प्रभु क्रोध हरो हरिओ बिघ्न अपार !!
और भरोसो तुम बिन नाहीं दीनबंधु अवतार !
महिमा तेरी जग ने जानी लीला अपरम्पार !!
साईं बाबा की जय जयकार !
एकही नाम है एकही रूप है एकही सृजनहार !
सब घट भीतर तूँ ही तूँ है जो जाने सो पार !!
तूँ ही गुरु पिता माता तूँ ही जग पालनहार !
बीच भॅवर में नाव हमारी तूँ ही खेवनहार !!
रोग हरो प्रभु शोक हरो हरिओ विपत विकार !
लोभ हरो प्रभु क्रोध हरो हरिओ बिघ्न अपार !!
और भरोसो तुम बिन नाहीं दीनबंधु अवतार !
महिमा तेरी जग ने जानी लीला अपरम्पार !!
साईं बाबा की जय जयकार !
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