*करीब के गाँव में दो सहेलियाँ 12 वीं की परीक्षा देने जा रही हैं और चलते हुए आपस में बातें कर रही हैं।*👇
*शामली* : गामली, तू तो बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं करती है।
*गामली* : छोड़ न यार! पास हुए तो फिर 13, 14, 15 वीं की परीक्षा दो और फिर नौकरी वाला पति।
*शामली* : तो ? बढ़िया तो है।
*गामली* : क्या बढ़िया है ? 12 घंटों की नौकरी और तनख्वाह 25-30 हजार। फिर मुंबई-पूना जैसे बड़े शहरों में रहने जाओ। वहाँ किराए का घर होगा जिसमें आधी तनख्वाह चली जाएगी। फिर अपना खुदका घर चाहिए तो लोन लेकर 4-5 मंजिल ऊपर घर लो और एक गुफा जैसे बंद घर में रहो। लोन चुकाने में 15-20 साल लगेंगे और बड़ी किल्लत में गृहस्थी चलेगी। न त्यौहारों में छुट्टी न गर्मी में। सदा बीमारी का घर। स्वस्थ रहना हो तो ऑर्गेनिक के नाम पर 3-4 गुना कीमत देकर सामान खरीदो। और फाइनली वो नौकरी करने वाला नौकर ही तो होगा। तू सारा जोड़ घटाना गुणा भाग करले, तेरी समझ में आ जाएगा।
और अगर परीक्षा में फेल हो गई तो किसी खेती किसानी वाले किसान से ब्याह दी जाउँगी। जीवन थोड़ा तकलीफदेह तो होगा लेकिन वो खुद का सच्चा मालिक होगा और मैं होऊँगी मालकिन। पैसे कम ज्यादा होंगे लेकिन सारे अपने होंगे, कोई टेक्स का लफड़ा नहीं। सारा कुछ ऑर्गेनिक उपजाएँगे और वही खाएँगे। बीमारी की चिंता फिक्र ही नहीं, और सबसे बड़ी बात कि, पति 24 घंटे अपने साथ ही रहेगा।
और सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण बात " हमारा सारा लोन सरकार माफ कर देगी"।
और अगर परीक्षा में फेल हो गई तो किसी खेती किसानी वाले किसान से ब्याह दी जाउँगी। जीवन थोड़ा तकलीफदेह तो होगा लेकिन वो खुद का सच्चा मालिक होगा और मैं होऊँगी मालकिन। पैसे कम ज्यादा होंगे लेकिन सारे अपने होंगे, कोई टेक्स का लफड़ा नहीं। सारा कुछ ऑर्गेनिक उपजाएँगे और वही खाएँगे। बीमारी की चिंता फिक्र ही नहीं, और सबसे बड़ी बात कि, पति 24 घंटे अपने साथ ही रहेगा।
और सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण बात " हमारा सारा लोन सरकार माफ कर देगी"।
*शामली* : मैं भी फेल ही हो जाऊँगी रे।
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