शुक्रवार, 9 दिसंबर 2016


  भारत के राष्ट्रीय टीवी चेनल्स और अखवार अधिकांशतः ममता,माया ,मुलायम और मोदी  को ही फोकस करते रहते हैं ! यदि किसी आम आदमी से पूँछो कि 'माणिक सरकार' या 'पिनराई विजयन 'कहाँ के मुख्यमंत्री हैं तो वह बगलें झांकने लगता है ! खैर ये दोनों तो मार्क्सवादी मुख्यमंत्री हैं , इसलिए पूँजीवादी प्रेस और मीडिया की उपेक्षा स्वाभाविक है .किन्तु 'नोटबंदी' या अन्य राष्ट्रीय मुद्दों पर इनका पक्ष तो अवश्य सुना जाना चाहिए !कहीं ऐंसा तो नहीं किपूँजीवादी मीडिया सिर्फ उसी शख्स की बात को तबज्जो देता है जो 'महाबदनाम' होता है ?

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