सोमवार, 5 दिसंबर 2016


अभी तो अगहन के दस दिन शेष हैं और ''पूस'' के पाँव पालने में ही नजर आने लगे हैं ! अमीरों को ठंड मुबारक ! लेकिन गरीब ,मजलूम,अनिकेतजन और असहाय बीमार बुजुर्ग सावधान रहें ,क्योंकि ''ठंड देवी' उनपर रहम नहीं करने वाली ! वे भगवान् के भरोसे  न रहें क्योंकि भगवान् -ईश्वर -गॉड -अल्लाह हमेशा शक्तिशाली का ही पक्षधर  होता है। निर्धन इंसान या कोई अन्य देहधारी जीव और ठंड के बीच होने वाली जंग में ईश्वर केवल जानलेवा ठण्ड का ही साथ देगा ! गोस्वामी तुलसीदास जी  इशारा कर गए हैं -समरथ  को नहीं दोष गुसाईं। रवि पावक सुरसरि की नाईं।। पश्चिम का दर्शन भी यही कहता है -''ईश्वर उन्ही की मदद करता है जो खुद की मदद करते हैं ''!


सुषमा स्वराज ,सोनिया गाँधी और जयललिता  बीमार हैं! माया,ममता को 'नोटबंदी'ने घायल कर रखा है !नजमा -हेपतुल्लाह ,आनंदीबेन और दलबदलू रीता बहुगुणा को आशाओं की प्रतीक्षा सूचीमें डाल दिया गया है !जब देश की लोकतान्त्रिक राजनीति में 'नारियों'की ये हालात है तो समग्र नारी मात्र की किया स्थिति होगी ?तमाम प्रतिबध्द नारीवादी लेखक-लेखिकाएं इस मंजर पर कोई तजबीज पेश करेंगे  या किसी रुदाली का इन्तजार ?

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