सोमवार, 28 अप्रैल 2014


    सुबह की सैर  के दौरान  'राजनैतिक वार्तालाप' में एक  बुजुर्ग भूतपूर्व[सेवानिवृत्त] प्रोफ़ेसर  फ़रमा  रहे थे कि   क़ानून को जो करना है जल्दी करे वर्ना १६ मई के बाद वही होगा जो स्वामी रामदेव चाहेंगे।स्वामी रामदेव , प्रज्ञाश्री 'संतश्री' आसाराम ,श्री श्री रविशंकर  ओर तमाम धतकर्मी  किस्म के कपट मुनि -'कालनेमि' इस देश को और 'हिन्दू समाज को आइन्दा - छलने  के लिए स्वतंत्र रहेंगे। वे दलितों ,महिलाओं अल्पसंख्यकों ओर गैर भाजपाई लोगो को अपमानित करने के लिए आजाद रहेंगे। चूँकि 'संघ परिवार ' और मोदी इनके स्वाभाविक शुभचिंतक हैं,'महान धर्मरक्षक ' हैं ,  इसलिए इन  समस्तछद्म अध्यात्म गुरुओं - ठगों को आइन्दा हत्या -बलात्कार और सम्पदा हड़पने की 'विशेष छूट' दी जाएगी।एक अन्य सेवानिवृत्त भूतपूर्व प्रशासनिक अधिकारी ने फ़रमाया -:  कि भारतीय लोकतंत्र चूँकि  अधः पतन की ओर अग्रसर है अतएव बहुत सम्भव है कि कानून को भी १६ मई के बाद 'नमो' -नमो' जाप करना पड़ेगा। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें