ना सिर्फ हिंदू न सिर्फ ब्राह्मण न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के आंतरिक उन्नति के लिए आज के इस आधुनिक और तर्कशील युग में सिर्फ और सिर्फ ओशो और उनके द्वारा तैयार किए गए बुद्ध शिष्य ( जीवंत सतगुरु ) एक मात्र सहारा है।
अन्यथा, आज के, न सिर्फ भारत के बल्कि दुनिया भर के धर्म गुरु थोथे ज्ञानी है उनका असल ज्ञान से दूर-दूर तक का लेना देना नहीं है।
और एक बात, सामान्य जन की आंतरिक उन्नति, जीवंत सतगुरु के बिना असंभव है। इस बात को जितनी जल्दी समझ जाएं, उतना ही बेहतर है, अन्यथा आज की दुनिया की सच्चाई यही है कि, हम आध्यात्मिक स्तर पर अनाथ हैं। और, जो भी इस सच्चाई से मुँह मोड़ेगा, भले ही वह ओशो के ही नऐ/पुराने, अनुभूति से वंचित सन्यासी ही क्यों न हों, उनकी आध्यात्मिक गति सम्भव नहीं है।
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