डर लगता है।
*
*आमाशय* को डर लगता है जब आप सुबह का नाश्ता नहीं करते हैं।
*किडनी* को डर लगता है जब आप 24 घण्टों में 10 गिलास पानी भी नहीं पीते।
*छोटी आँत* को डर लगता है जब आप ठंडा और बासी भोजन खाते हैं।
*बड़ी आँतों* को डर लगता है जब आप तैलीय मसालेदार और मांसाहारी भोजन करते हैं।
*फेफड़ों* को डर लगता है जब आप सिगरेट और बीड़ी के धुएं, गंदगी और प्रदूषित वातावरण में सांस लेते है।
*लीवर* को डर लगता है जब आप भारी तला भोजन, जंक और फ़ास्ट फ़ूड खाते है।
*हृदय* को डर लगता है जब आप ज्यादा नमक और केलोस्ट्रोल वाला भोजन करते है।
*पैनक्रियाज*को डर लगता है जब आप स्वाद और फ्री के चक्कर में अधिक मीठा खाते हैं।
*आँखों* को डर लगता है जब आप अंधेरे में मोबाइल और कंप्यूटर के स्क्रीन की लाइट में काम करते है।
और
*मस्तिष्क* को डर लगता है जब आप नकारात्मक चिन्तन करते हैं।
आप अपने तन के कलपुर्जों को मत डरायें ।
ये सभी कलपुर्जे बाजार में उपलब्ध नहीं हैं।
जो उपलब्ध हैं,
वे बहुत महँगे हैं और शायद आपके शरीर में एडजस्ट भी न हो सकें।
इसलिए अपने शरीर के कलपुर्जों को स्वस्थ रखे।
See insights
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें