मैं एक किसान पुत्र हूं अतः जमींदार वर्ग को छोड़ कर बाकी मझोले और गरीब किसानों की दुरुह समस्याओं को समझते हुए, हमेशा उनके हर जायज आंदोलन का समर्थक रहा हूं। इसी वजह से किसानों के पिछले आंदोलन का मैंने दूसरे एक्टिविस्टों की ही तरह सोशल मीडिया पर उस किसान आंदोलन का बढ़ चढ़ कर समर्थन किया था।
चूंकि वर्तमान किसान आंदोलन का नेतत्व भले कुछ किसान संगठन कर रहे थे, किंतु कांग्रेस और कनाडा के सिख आतंकियों तथा लिवरल उदारवादी पूंजीपति सोरोस द्वारा प्रायोजित इस किसान आंदोलन का उद्देश्य भारत विरोधी था,तथा किसानों की समस्याओं पर कोई फोकस न होने से यह आंदोलन फ्लॉप हो गया।
मोदी सरकार की रणनीतिक समझदारी के कारण मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और यूपी सहित देश भर के किसान इस आंदोलन में शामिल नहीं हुए,इसलिए न तो आम जनता ने इस आंदोलन का साथ दिया और न मेरे जैसे सोशल एक्टिविस्टों ने। जय हिन्द।जय भारत।जय महाकाल।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें