कुछ अनुभवी बुजुर्ग लोगों से सुना है कि *कम बोलने से बहुत सारे मसलें सुलझ जाते है,जीवन निरापद रहता है!
लेकिन आचार्य चाणक्य कह गए हैं कि :-
काक: कृष्ण पिक : कृष्ण ,कोभेद पिक काकयो?
बसंत
समये शब्दै काक: काक : पिक: पिक:!!
मतलब जब तक मौन रहोगे कोयल भी कौआ नजर आएगी! और कौआ कोयल आभासित हो सकता है! किंतु बसंत आने पर वे चुप नही रह सकते इसलिए कौए की पोल खुल जाती है!
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1Jeebesh Kumar Sahoo
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