कबीर ने चार प्रकार के राम बताए है, जिनके बारे में नीचे दी हुई वीडियो लिंक में आप सुन सकते हैं।
ओशो कहते हैं, चार में से पहले, दशरथ पुत्र राम जैसा व्यक्ति, दुनिया के इतिहास में दूसरा नहीं मिलेगा। अंदर से चैतन्य को उपलब्ध और बाहर से एक योद्धा।
पहला राम दुनिया के काम का है, भीड़ के, राजनेताओं के, धार्मिक नेताओं के, काम का है। बाकी तीन राम, अंतर यात्रियों, परमात्मा की राह के पथिक, के काम के हैं।
अंतर यात्रा में सहयोगी होने के लिए, सतगुरु का शरीर में होना अत्यावश्यक है। शरीर छोड़ देने के बाद अप्रत्यक्ष रूप से सहयोगी हो सकते हैं, लेकिन, उसी व्यक्ति के लिए सहयोगी हो सकते हैं, जिसमें अंतरयात्रा के लिए गहरी प्यास हो।
लेकिन, बाकी दुनिया की बात करें, भीड़ की, राजनेताओं की, धार्मिक नेताओं की बात करें, तो, उनके लिए तो शरीर छोड़ा हुआ सतगुरु ही काम का होता है। शरीर छोड़े हुए सद्गुरु का, लोग अपने हिसाब से उपयोग कर लेते है। शरीर में होने वाले सतगुरु, भीड़ के काम के नहीं होते, क्योंकि, वे भीड़ के हिसाब से नहीं चलते। जब वही सतगुरु शरीर छोड़ देते हैं, तब, राजनीतिक, धार्मिक नेता और जनता, सभी उनको अपने हिसाब से चला लेते हैं।
इसलिए, पहले राम, दशरथ पुत्र राम, दुनिया के काम के हैं, लेकिन, कबीर के बाकी तीनों राम, अंर्तयात्रा के लिए गहरी प्यास रखने वाले मित्रों के काम के हैं।
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