शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2020

बेकारों की लाचारी!!

मजहब धर्म के वेश में,

पनप रहे ठग-भृष्ट!

आहट है फासिज्म की,
बढ़ा रही भय कष्ट!!
बढ़ा रही भय कष्ट,
कोरोना महामारी!
है विकाश अमीरों का
बेकारों की लाचारी!!
फिल्म जगत बदनाम
उजागर अय्यासी उनकी!
बचेंगे वही पकड़ है,
राजनीति में जिनकी!!

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