गुरुवार, 21 नवंबर 2019

आधी रातके बाद

बनी रहती है धूमधाम त्यौहारों की जब तब,
इस शहर में अक्सर आधी रात के बाद।
उगलते रहते हैं जहर फिजा में लगातार,
धूल धुअाँ धुंध वाहन गुजर जाने के बाद!!
लगा रहता सड़कों पर जाम शोर आवाजाही
 मानों हररोज आपातकाल,आधी रातके बाद!
नही सुनाई देता चीत्कार सत्ताके सरमायेदारों को,
आर्थिक संकट का रुदन लुटेरे भाग जाने के बाद!!
हो जातीं हैं कभी रेलगाडियाँ खुद ही बेपटरी,
मर जाते हैं सैकड़ों जन खुद आधी रात के बाद।
तरक्की तो खूब हुई है पूंजीपतियों अफसरों की,
आर्थिक असमानता खूब बढ़ी है आजादी के बाद !!
अनेक कुर्बानियों से मिल सकी थी ये आजादी,
खतरे में है सामाजिक समरसता खो जाने के बाद।
श्रीराम तिवारी

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