दो दिन पहले ही मैंने निम्नांकित पंक्तियाँ 'पोस्ट' की थीं ……!
'कश्मीरियत' के दुश्मन मौत के सौदागर इस बक्त कहाँ हैं ?
जेकेएलएफ -गिलानी -हाफिज सईद - जमात-उद दावा - अब कहाँ हैं ?
केशर की क्यारियों में वैमनस्य -अलगाव के बीज बोने वाले-
आई एसआई - प्रशिक्षित कश्मीरी बच्चों के हाथों में बन्दूक थमाने वाले -
जल मग्न कश्मीरी आवाम को बचाने में जी जान से जुटे हैं जो आज -
उन भारत के जवानों के शीश काटने वाले इंसानियत के दुश्मन कहाँ हैं ?
आज की खबर है कि जम्मू - कश्मीर के लोगों की जान बचाने में जुटे 'भारतीय बचाव दल ' पर कुछ
अलगाववादियों -उग्रवादियों ने - जलमग्न श्रीनगर के ही कुछ ठिकानों से पत्थरबाजी की है।
इस ओछी हरकत से मेरी उपरोक्त पंक्तियों का जबाब भी मिल गया है -
अब इसमें कोई संदेह नहीं की इस वक्त ये ' इंसानियत के दुश्मन कहाँ हैं ' ? जिनकी नापाक हरकतों और
एहसानफ़रामोशी का खामियाजा न केवल सारे कश्मीर को बल्कि पूरे भारत को भुगतना पड़ रहा है।
श्रीराम तिवारी
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