तहलका पत्रिका के संस्थापक संपादक और चर्चित यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे तरुण तेजपाल दोषी सावित हो भी सकते हैं ! तथाकथित पीड़िता निर्दोष और चरित्रवान ही होगी इसमें क्या शक है !इसी तरह सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जस्टिस अशोक कुमार गांगुली पर लगे आरोप सही हो भी सकते हैं और आरोप लगाने वाली पीड़िता{?} नितांत निर्दोष होगी इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए !अब यक्ष प्रश्न उठता है कि
तेल जरे बाती जरे। … नाम दिया का होय ! क्यों घटित हो रहा है ?
जिस आसाराम ने सैकड़ों लड़कियों की जिदगी बर्बाद कर दी ,जिस भगोड़े नारायण साईं ने हजारों महिलाओं का यौन शोषण ही नहीं बल्कि जीवन बर्बाद कर दिया उसको बचाने के लिए संघ परिवार और भाजपा के नेता एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। राजस्थान सरकार और पुलिस पर राजनैतिक कार्यवाही के आरोप मड़ रहे हैं। जिस "संघ '' प्रचारक संजय जोशी की अश्लील सी डी पहले कभी उन्ही के सहयात्री "साहब"ने देश भर में बंटवाई थी, जो "साहब" किसी एक खास लड़की की जासूसी के कारण ही नहीं बल्कि और भी अन्य घटिया हरकतों के कारण इतने कुख्यात हो गए हैं कि पी एम् इन वेटिंग हो गए हैं । उनकी इन कामोत्तेजक हरकतों पर जेटली और सुषमा की बोलती बंद है। जिस ध्रुबनरायण और तरुण विजय के कारण शहला मसूद की ह्त्या हुई ,जिस भाजपाई मंत्री राघव सांवला ने अल्पवयस्क युवाओं को भी नहीं बख्सा -इन सभी के पापों को छिपाने वाली और शरण देने वाली 'भगवा मण्डली' और कुकर्मियों का समर्थन करने वाले भाजपा नेता अचानक तरुण तेजपाल पर इतने मेहरवान क्यों हो गए हैं ?सिर्फ एक खास पीड़िता के यौन शोषण के खिलाफ क्यों हो गए ? क्या देश भर में हो रहे ह्त्या -व्यभिचार और नारी उत्पीड़न पर उनकी मौन स्वीकृति है ? अचानक गोवा की भाजपा सरकार ,जेटली ,सुषमा स्वराज और संघ परिवार ने 'तहलका पर बदले की भावना से जो घेराव करने का दुस्साहस किया है वो न्याय संगत कम और राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगता है !
श्रीराम तिवारी!
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