मुर्सी की कुर्सी गई , कट्टरपंथ की हार ...!
जनता के संघर्ष की ,हो रही जय -जय कार ...!!
ब्रदरहुड का स्वप्न था ,धर्मान्धता का इष्ट .!
धर्मनिरपेक्ष कबूल कर ,धन्य हुआ इजिप्ट ..!!
पूंजीवादी व्योम में ,कुटिल गिद्ध मंडराएं .!
जनक्रांति कब विफल हो , ये ही आस लगाएं ..!!
श्रीराम तिवारी
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