रविवार, 21 जुलाई 2013

देश की दुर्दशा के दोहे ....!

       


     यूपीए के 'हाथ ' में , असुरक्षित     है    देश  .

    चोर विदेशी  कर रहे ,शतप्रतिशत विनिवेश ..



       नीति नियत  नेताओं की ,निजीकरण का खेल .

       सरकारी सिस्टम किया  , जान बूझ कर फ़ैल ..


       कालेधन  -मेंहगाई  से ,मुल्क हुआ हलकान .

      सीमाओं पर देश की , खतरे में    है    आन ..


     ' मिड डे मील 'की योजना ,निर्धन छात्रों के हेत .

      ' भ्रष्ट्र तंत्र '  सब खा गया ,बच्चों को विष देत . .


      सार्वजनिक उपक्रमों   के  , शत्रु  मुनाफा खोर .

      नेता -अफसर -बिचोलिये ,लूटत रिश्वत खोर ..


     राजनीति  के व्योम में , रहे गिद्ध  मंडराय .

      भारत के धन-धान्य  पर , चोंचें रहे  गड़ाय ..


       श्रीराम तिवारी

  


 

      

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