कार्ल मार्क्स के 200वें जन्मदिन पर इस संगोष्ठी का आयोजन करके जनवादी लेखक संघ , मथुरा और जन सांस्कृतिक मंच मथुरा ने ऐतिहासिक काम किया है,मार्क्स का जन्मदिन मथुरा में मनाया जा रहा है यह अपने आप में सबसे महत्वपूर्ण बात है।यह कार्यक्रम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि माकपा या जलेसं के केन्द्रीय संगठन अभी तक इस तरह के कार्यक्रम नहीं कर पाए हैं। मथुरा में इससे पहले कभी किसी वामदल या उससे जुड़े जनसंगठन ने भी मार्क्स का जन्मदिन नहीं मनाया।आप लोगों ने मुझे बुलाया इसके लिए मैं आप लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।यह कार्यक्रम इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यहां अधिकांश उपस्थित लोग गैर-मार्क्सवादी हैं। मेरे लिए इस मौके पर बोलना बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण है।आपलोग सब मेरे गहरे मित्र हैं और आप मेरी पीड़ा जानते हैं। मेरे पिता की तीन दिन पहले ही मृत्यु हुई ,मैं उनके क्रिया-कर्म के दायित्वों में घिरा हुआ हूं, सामान्यतः मुखाग्नि देने के बाद घर से निकलने पर पाबंदी है।फिर भी मैं आपलोगों के प्रेम और लगाव के कारण इस कार्यक्रम को टाल नहीं पाया, साथियों ने कार्यक्रम स्थगित करने का सुझाव दिया था, हम सब श्मशान में मिले भी,पर,मैंने कहा कि कार्यक्रम स्थगित मत करो,मैं पूरी कोशिश करूंगा आने की,मेरा कहना यही था कि कार्यक्रम तयशुदा योजना के अनुरूप हो,मैं न आ पाऊं तो भी आपलोग मार्क्स पर बातें करें,आपलोगों ने मेरी बात रख ली और यह बहुत अच्छा किया, अशोक बंसल ने इस मौके पर एक छोटा वक्तव्य लिखित रूप में तैयार किया और उसे जलेसं के सचिव ने पढ़ा,यह वक्तव्य इसलिए महत्वपूर्ण है कि इसे एक गैर मार्क्सवादी ने तैयार किया।
शनिवार, 24 जून 2023
कार्ल मार्क्स: उदारतावाद और राष्ट्रवाद
दुपहियां एवं चौपहिया वाहनों कण्डम करने का नियम
सभी दुपहियां एवं चौपहिया वाहनों के स्वामियों से निवेदन है कि आप सभी मिलकर एन जी टी के द्वारा हमारे निजी वाहनों को 10 साल एवं 15 साल के उपयोग के बाद कण्डम करने का हम सभी पर जो नियम लगाए जा रहे हैं वे आम जनता के खिलाफ हैं। अतः उनको वापस लेना जरूरी है। क्योंकि यह नियम केवल व्यवसायिक वाहनों के लिए तो ठीक है परन्तु निजी वाहनों के लिए बिल्कुल भी लागू नहीं होने चाहिये। हम सभी भलीभांति जानते हैं कि निजी वाहन विशेष कर मध्यमवर्गीय / निम्न मध्यम वर्ग के लोगों के चौपहिया वाहन इतने समय में कुछ ज्यादा नही चल पाते हैं। अति आवश्यक होने पर ही ये सडक पर निकलते हैं। सभी मध्यमवर्गीय भाई परिवार की सुविधा के लिए ही वाहन खरीदते हैं ताकि बसों एवं ट्रेनों की भीड़ से बचा जा सके एवं इनकी मैनटेन्स का भी सभी भाई बहुत ज्यादा ध्यान रखते हैं। अपने शरीर से भी ज्यादा वाहन को मैन्टेन रखते हैं। जिस तरह हमारे शरीर का यदि कोई अंग बीमार हो जाता है तो उसका इलाज कराकर उसको सही करा लिया जाता है लेकिन एक अंग के ऊपर पूरे शरीर को ही नही बदला जाता है, ठीक उसी प्रकार वाहन का भी वही पार्ट बदलकर उसे भी ठीक करा लिया जाता है। अतः पन्द्रह वर्ष की इतनी कम अवधि में वाहन को कन्डम घोषित करना हमारे उपर घोर अन्याय करना है। बडी मुश्किल से एक एक पैसा जोडकर हम अपनी फैमिली के लिए यह सुविधा कर पाते हैं, लेकिन एन.जी.टी. के लोग ए० सी० कमरों में बैठकर कुछ घंटों की मीटिंग में ही हमारी फैमिली को इस सुविधा से वंचित कर देते हैं यह हम सभी के लिए बहुत ही बड़ा अन्याय है एवं अन्याय के उपर लडना हमारा अधिकार है। लेकिन हम सब चुप रहकर इस अन्याय के विरुद्ध आवाज नही उठाते हैं। अब हम सभी को एकता के सूत्र में बंधकर इसके विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए ताकि सरकार की समझ में आ जाए कि हम लोग अब किसी भी ऐसे अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए एकता के सूत्र में बंधकर सरकार के अन्यायपूर्ण नियमों का विरोध करेंगे एवं सरकार को ऐसे नियम वापस लेने के लिए बाध्य कर देंगे। धन्यवाद। सभी भाईयों से सविनय निवेदन है आम जनता की आवाज सरकार तक पहुंच जाए एवं सरकार को ऐसे नियम वापिस लेने के लिए बाध्य होना पडे।
गीता प्रेस गोरखपुर
इंडियन नेशनल एलर्जी पार्टी
मानसिक रूप से बिल्कुल बीमार हो चुके इन मरीजों की बीमारी और उसके लक्षण या सिमटम्स पहले देखिए, फिर इलाज और दवा सुझाइए...
कुकरहावी
कुनबावादी हिंदूविरोधी समाजविरोधी टुच्चे चाराखोर।
भारत को मोदी ने ऊंचाईयों पर पहुंचाया
वर्तमान सोशल मीडिया आगमन से भी पूर्व के मेरे तत्कालीन मित्रों को भलीभाँति मालूम है कि मैं 40 साल तक संघ परिवार और भाजपा का कट्टर विरोधी रहा हूँ! चाहे ट्रेड यूनियन हो चाहे
मोदी की आलोचना
मोदी की आलोचना करने वाले सुने,
शिवोहम् सोहमस्मि,
सुबह हो या शाम जिंदगी यों ही,