शनिवार, 24 जून 2023

इंडियन नेशनल एलर्जी पार्टी

मानसिक रूप से बिल्कुल बीमार हो चुके इन मरीजों की बीमारी और उसके लक्षण या सिमटम्स पहले देखिए, फिर इलाज और दवा सुझाइए...

पहले गीता से एलर्जी थी, अब गीताप्रेस से भी एलर्जी!
पहले वंदे मातरम् से एलर्जी थी, अब वन्दे भारत ट्रेन से भी एलर्जी!
पहले सरस्वती वंदना से एलर्जी थी, अब राष्ट्रगान और राष्ट्र वंदना से भी एलर्जी!
यहाँ तक कि भारत माता की जय बोलने से भी एलर्जी!
मैच में भारत के जीत जाने की खुशी और इसके जश्न से भी एलर्जी!
पहले महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोविन्द सिंह और झांसी की रानी से एलर्जी थी, अब वीर सावरकर, चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से लेकर सरदार पटेल और लालबहादुर शास्त्री जी से भी एलर्जी...!
पहले महर्षि पराशर, जैमिनी मुनि, पाणिनी, आर्यभट, वराह मिहिर, रामानुजाचार्य और श्रीधराचार्य आदि हमारे प्राचीन वैज्ञानिकों से एलर्जी थी, अब एस. नम्बी नारायणन और डॉ. ए. पी. जे अब्दुल कलाम से भी एलर्ज पहले वाल्मीकि और व्यास से एलर्जी थी, अब सूरदास, तुलसीदास और रामानन्द सागर से भी एलर्जी!
पहले पतंजलि, सुश्रुत, चरक आदि से एलर्जी थी, अब तुलसी, पीपल, गंगा और गोदुग्ध से भी एलर्जी!
पहले संस्कृत से एलर्जी थी, अब संस्कृति से ही एलर्जी!
पहले रामायण महाभारत से एलर्जी थी, अब भगवान राम और भगवान कृष्ण से भी एलर्जी!
पहले चाय वाले से एलर्जी थी, अब गाय वाले से एलर्जी!
पहले सौर सिद्धांत, सूर्य, चन्द्र आदि की उपासना और भारतीय ज्ञान विज्ञान से एलर्जी थी, अब सूर्य नमस्कार, योग और चन्द्रयान से भी एलर्जी!
पहले भारतीय वाद्य यंत्रों से एलर्जी थी, अब भारतीय राग रागिनियों और भारतीय गीत संगीत से भी एलर्जी!
पहले राममंदिर, कृष्णमंदिर और शिवमंदिर से एलर्जी थी, पर अब तो नये संसद भवन से भी एलर्जी!
और इसीलिए पहले नरेन्द्र दत्त से एलर्जी थी, पर अब नरेन्द्र मोदी से भी एलर्जी है!
घनघोर, भीषण और असह्य एलर्जी!!
असल में इन्हें भारत, भारतीय भाषा, भारतीय साहित्य, भारतीय संगीत, भारतीय परिधान, भारतीय व्यंजन, भारतीय पर्व त्यौहार, भारतीय परम्परा, भारतीय परिवार व्यवस्था, भारतीय जीवन शैली, भारतीय अभिवादन पद्धति, भारतीय दर्शन और भारतीय धर्म संस्कृति अर्थात जहाँ कहीं भी भारत या भारतीय शब्द लगा हो उस हर बात से ही एलर्जी है!!
लेकिन...
पहले भारत को लूटने वाले और भारतीयों पर अमानुषिक अत्याचार करनेवाले अंग्रेजों से यारी, अब आतंकवाद की फैक्ट्री पाकिस्तान और साम्राज्यवाद की फैक्ट्री चीन से यारी!
पहले ओसामा, हाफिज सईद और जाकिर आँखों के तारे, अब जेहादी, फसादी, बगदादी, आतंकवादी और रोहिंगिया भी आँखों के तारे!
पहले औरंगजेब और टीपू इनका हीरो, अब अफजल, वुरहान और भारत को गाली देने वाला हर पत्थरबाज इनका हीरो!
अतएव विद्वान पाठक कृपया बताएँ कि भारत की हरेक उन्नति, उपलब्धि, गौरव और मान सम्मान से इन लोगों को आखिर ऐसी भयानक एलर्जी क्यों है!?
साथ ही इसके उलट यह भी बताएँ कि भारत पर कीचड़ उछालने वाला, भारत को अपमानित करने वाला और भारत विनाश का कुचक्र रचनेवाला हर कुचक्री इनका हीरो क्यों है!?
और अंत में अपनों से अपनी बात! जिन्हें भारत से एलर्जी है, मुझे उनसे एलर्जी है!
वन्दे मातरम्
भारत माता की जय !!

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