हालाँकि ये गैंग-रेप ,हत्या -बलात्कार की खबरें अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मशार करने वाली हैं किन्तु इसमें भी कुछ लोगों को एक संतोष का एहशास हो सकता है कि तमाम अखवारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने यूपी से बाहर भी झांकना शुरू कर दिया है। कल जबलपुर में महिला डॉ के साथ निर्लज्जतापूर्ण हैवानियत का हादसा हुआ,जयपुर में विदेशी महिला से गैंग -रेप हुआ , नॉएडा,कोलकाता ,आनंद,भुज,अनूपनगर इत्यादि शहरों में हत्या - बलात्कार के मामले दर्ज हुए हैं । मध्य प्रदेश के हर गाँव -शहर की भी यही दशा है। जहां तक शासन का सवाल है तो एमपी में तो -पार्षद ,विधायक ,सांसद ,मंत्री,मुख्यमंत्री ही नहीं अब तो केंद्र में प्रधान मंत्री भी खाँटी भाजपाई ही है। न केवल भाजपाई बल्कि 'पियोर 'संघी' है। फिर भी सब कुछ पहले से ज्यादा बदतर है। जो समझते हैं कि हम तो 'वायस' रखते हैं तो वे पुलिस रिकार्ड देखकर तुलना कर सकते हैं कि २६ मई के बाद देश में हर जगह गिरावट ड्सर्ज की गई है। केवल मंहगाई में ,पूँजीपतियों के मुनाफों में इजाफा हुआ है और देश के प्रधानमंत्री का महिमामंडन हद से गुजर गया है वो ने केवल भारत में बल्कि इस से बाहर वैश्विक हो चला है। जनता माथा धुन रही है , सरकार समर्थक आम कार्यकर्ता ही नहीं आडवाणी ,जोशी ,यशवंत सिन्हा जैसे लोग भी कसमसाने लगे हैं कि इस सूरते हाल में कब तक जबरन फीलगुड महसूस किया जाए ?
देश का कार्पोरेट नियंत्रित मीडिया बाकई पूर्वाग्रह और फीलगुड की एक भ्रामक 'लहर' पर सवार है। वो लोगों के मुँह में जबसे मोदी सरकार का यह सूक्त वाक्य - 'अब अच्छे दिन आये हैं '-जबरिया ठूँसने में व्यस्त है, तभी से समग्र भारत में लूट ,हिंसा ,शोषण ,महँगाई ,रिश्वतखोरी अत्याचार , गैंग रेप और बलात्कार के भी अच्छे दिन आने लगे हैं। इसी के साथ -साथ इस कार्पोरेट नियंत्रित मीडिया के भी अच्छे दिन आये हुए हैं। इसीलिए अपने जायके को खराब न करते हुए तमाम-दृश्य-छप्य -श्रव्य-डिजिटल-सोशल तथा समग्र मीडिया अखिल भारत की ओर से ''मूँदो आँख कतहुँ कोउ नाहीं '' की मुद्रा मेंआ चुका है। हालाँकि कल तक उसे केवल उत्तर प्रदेश में ही - अंधाधुंध गैंग रेप , बलात्कार और जघन्य अपराधों की फ़िक्र हो रही थी । उसकी नजर में मानों पूरा भारत अभी से गुजरात जैसा अपराधमुक्त [क्या बाकई ?] होकर चेन की वंशी ही बजा रहा है। उसकी नजर में केवल यूपी ही अब 'चारित्रिक'विमर्श के लिए शेष रहा है। न केवल मीडिया बल्कि वे नेता जो कभी आसाराम जैसे बलात्कारी की पाद पूजा किया करते थे , उसके गुनाहों पर पर्दा डालने में आगे-आगे रह करते थे वे सभी पाखंडी नेता और तथाकथित 'साध्वियां कम नेत्रियां' अब यूपी के दुखद एवं बीभत्स अपराधों पर बजाय कुछ ठोस उपाय या आंदोलन करने के केवल ढ़पोरशंखी -वयानबाजी यानी 'नैतिकता की नौटंकी' कर रहे हैं।
सारा देश जानता है कि अतीत में गुजरात के अक्षरधाम मंदिर के कुछ पाखंडी स्वामियों , आसाराम,नारायण साईं जैसे बलात्कारियों , भीमानंद ,जयेंद्र सरस्वती ,डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख ,राजस्थान के मौलवी गाजी फ़कीर, 'ननों ' का बेजा शोषण करने वाले पादरियों-फादरों -धर्म प्रचारकों तथा अन्य विवादस्पद महात्माओं - योगियों धर्मगुरुओं की 'रासलीला' पर इन बयानवीरों की क्या प्रतिक्रिया रही है। राजनैतिक पटल पर ओमान चांडी ,राघवजी ,ध्रुबनारायण या भवरी देवी के हत्यारे नेताओं के ' अनैतिक' आचरण पर, किसने क्या कहा था और किसने क्या किया यह सर्वविदित है। उमा भारती के तो सौ खून माफ़ हैं क्योंकि वे तो 'साध्वीं हैं और ' पांचवीं' पास हैं। किन्तु प्रदेश के गृहमंत्री बाबूलाल जी गौर से जनता को ये उम्मीद नहीं थी कि अखिलेश की इस तरह से मदद करेंगे! उनकीं इस हरकत से तो कहना पड़ेगा कि "ऐसे मित्रों से तो विद्द्वान शत्रु ही बेहतर है " . वेशक मुलायम-अखिलेश आजम खां और 'सपा' नेताओं की बयानबाजी ने तथा उनकी सपा सरकार ने यूपी का सत्यानाश कर रखा है। किन्तु अपने व्यक्तिगत स्वजातीय' प्रेम के वशीभूत गौर साहिब [ असली नाम बाबूलाल यादव -गौर तो 'तखल्लुस'है ] ने जो गौर फरमाया कि"बलात्कार की घटनाओं को रोका नहीं जा सकता या कि पहले से पता होता तो पकड़ नहीं लेते! मध्यप्रदेश के गृहमंत्री का इस तरह से बयान देना कि "कोई व्यक्ति बताकर नहीं करता बलात्कार " नितांत निंदनीय है। उनके जैसे वयोबृद्ध तथा तपे हुए संघनिष्ठ 'स्वयंसेवक' से यह आशा नहीं थी। यदि मान लें कि वे 'संघ'रुपी हांडी का एक चावल हैं तो देश की प्रबुद्ध जनता को सोचना होगा कि संघ की विचारधारा क्या है ? संघ ने किस तरह के 'चाल-चरित्र-चेहरे वाले लोगों को अपने 'लक्ष्यपूर्ति' हेतु तैयार किया है ?कैसे 'शीलवान' लोगों को न केवल मध्यप्रदेश की बल्कि केंद्र की भी सत्ता सौंप दी है। बाबूलाल जी यादव उर्फ़ 'गौर'न केवल पढ़े -लिखे बल्कि बेहतरीन अनुभवी और भूतपूर्व 'मजदूर नेता'[बीएमएस वाले]माने जाते रहे हैं। लेकिन जब कभी लालू यादव ,मुलायम सिंह यादव ,अखिलेश यादव ,शरद यादव या किसी भी अन्य यादव नेता पर संकट आया है तो इन्होने साथ निभाया है। वे उसके साथ खड़े दीखते हैं जो उनकी जाति का है !क्या संघ की शिक्षा -दीक्षा यही है ?अभी कुछ दिनों पहले इन्ही गौर साहिब ने अपने यादव समाज के एक सम्मेलन में कहा था कि अच्छे-दिन आने वाले हैं कि मध्यप्रदेश का डीजीपी कोई यादव होगा !
मुझे मालूम है कि मध्यप्रदेश के वर्तमान गृहमंत्री श्री बाबूलाल जी 'गौर' लगभग पता नहीं ६० साल से राजनीति में हैं। मेरा ख्याल था कि वे खाँटी 'संघी' हैं इसलिए वे समस्त हिन्दू समाज के हित में ही सोचते होंगे। भाजपा की वर्तमान अप्रत्याशित जीत और 'मोदी सरकार' के आगाज से भी लगने लगा था कि 'संघ परिवार'-समस्त भाजपाई अब न केवल जातिवाद, न केवल सम्प्रदायवाद बल्कि क्षेत्रीयतावाद की अंत्येष्टी करके ही दम लेंगे।गौर साहिब के ख्यालात से ये सारे ख्याल धराशाई हो चुके हैं। जिस तरहसे मुलायमसिंह , अखिलेश , ,लालू,शरद यादव इत्यादि 'यादवी सेनानायक ''समाजवाद 'शब्द को बदनाम कर रहे हैं,उसी तरह से 'संघ परिवार ' के तमाम गौर जैसे सत्तारूढ़ भाजपाई नेता 'हिन्दुत्ववाद''राष्ट्रवाद'को बदनाम कर रहे हैं। दरशल ये सभी केवल कांग्रेस का निषेध मात्र हैं। उसकी कार्बन कापी बनने में इन्हे ज्यादा बक्त नहीं लगेगा।कांग्रेस यदि चोर साबित होकर जमीदोज हुई है तो ये बड़बोले वैकल्पिक नेता 'डाकू' साबित होकर इतिहास के बीहड़ों में फना हो जाएंगे। ये पब्लिक है सब जानती है !
न केवल 'संघ', न केवल जनसंघ ,न केवल 'जनता पार्टी', बल्कि भारतीय जनता पार्टी के संस्थापन से लेकर म. प्र. की वर्तमान शिवराज सरकार के गृह मंत्री की हैसियत तक गौर साहेब निरंतर इस तथाकथित 'संघ परिवार' के एक नामचीन नेता रहे हैं। किसी भी व्यक्ति से उम्मीद की जा सकती है कि जिस विचारधारा से वो सहमत है या जुड़ा हुआ है,यदि वह उसी के नाम पर खीर-मलाई खा रहा है तो कम से कम उस विचारधारा की 'ऐंसी -तैंसी ' तो न केरे।तात्पर्य यह है कि 'चाल -चेहरा - चरित्र' के बारे में ,अनुशाशन के बारे में ,भारतीय सांस्कृतिक चेतना के बारे में ,राष्ट्रवाद के बारे में,हिन्दू समाज में जातीय एकता के बारे में -यदि गौर साहिब ने यही सीखा है,जो वे 'बोल' रहे हैं और यदि ' संघ' ने भी यही सिखाया है तो कोई 'महा जड़मति ही कह सकता है कि 'देश की आवाम के अच्छे दिन आने वाले हैं '।
गौर साहिब के इस अपराधपोषक बयान के फ़ौरन बाद मध्यप्रदेश में ,मात्र १२ घंटों में १२ रेपकांड हो चुके हैं। ह्त्या - लूट पाट डकैती और भुखमरी तो आम बात है। किन्तु किसी खास नेता -मंत्री के बयान के बाद यदि ,धार,हरदा ,नीमच ,नारायणपुर इंदौर ,महू,देपालपुर ,भोपाल , जबलपुर,ग्वालियर पिपरिया और झाबुआ ही नहीं अन्य गाँवों-शहरों में भी इस तरह की दुखांत और जघन्य रेप की घटनाओं में वेषुमार इजाफा हो जाए तोजनता के 'मौनव्रत' से काम नहीं चलेगा। मीडिया को भी उत्तरप्रदेश से अपना लेंस' मध्यप्रदेश तथा पूरे देश में फोकस करना चहिये। किसी को अद्द्यतन जानकारी चाहिए तो पुलिस वेव साइट पर देख सकते हैं। जब यूपी ,एमपी या केंद्र का सत्तारूढ़ नेतत्व ही गैंग रेप -बलात्कार और अपराधों को हवा देगा तो देश का अब केवल 'भगवान ही मालिक है '!
श्रीराम तिवारी
देश का कार्पोरेट नियंत्रित मीडिया बाकई पूर्वाग्रह और फीलगुड की एक भ्रामक 'लहर' पर सवार है। वो लोगों के मुँह में जबसे मोदी सरकार का यह सूक्त वाक्य - 'अब अच्छे दिन आये हैं '-जबरिया ठूँसने में व्यस्त है, तभी से समग्र भारत में लूट ,हिंसा ,शोषण ,महँगाई ,रिश्वतखोरी अत्याचार , गैंग रेप और बलात्कार के भी अच्छे दिन आने लगे हैं। इसी के साथ -साथ इस कार्पोरेट नियंत्रित मीडिया के भी अच्छे दिन आये हुए हैं। इसीलिए अपने जायके को खराब न करते हुए तमाम-दृश्य-छप्य -श्रव्य-डिजिटल-सोशल तथा समग्र मीडिया अखिल भारत की ओर से ''मूँदो आँख कतहुँ कोउ नाहीं '' की मुद्रा मेंआ चुका है। हालाँकि कल तक उसे केवल उत्तर प्रदेश में ही - अंधाधुंध गैंग रेप , बलात्कार और जघन्य अपराधों की फ़िक्र हो रही थी । उसकी नजर में मानों पूरा भारत अभी से गुजरात जैसा अपराधमुक्त [क्या बाकई ?] होकर चेन की वंशी ही बजा रहा है। उसकी नजर में केवल यूपी ही अब 'चारित्रिक'विमर्श के लिए शेष रहा है। न केवल मीडिया बल्कि वे नेता जो कभी आसाराम जैसे बलात्कारी की पाद पूजा किया करते थे , उसके गुनाहों पर पर्दा डालने में आगे-आगे रह करते थे वे सभी पाखंडी नेता और तथाकथित 'साध्वियां कम नेत्रियां' अब यूपी के दुखद एवं बीभत्स अपराधों पर बजाय कुछ ठोस उपाय या आंदोलन करने के केवल ढ़पोरशंखी -वयानबाजी यानी 'नैतिकता की नौटंकी' कर रहे हैं।
सारा देश जानता है कि अतीत में गुजरात के अक्षरधाम मंदिर के कुछ पाखंडी स्वामियों , आसाराम,नारायण साईं जैसे बलात्कारियों , भीमानंद ,जयेंद्र सरस्वती ,डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख ,राजस्थान के मौलवी गाजी फ़कीर, 'ननों ' का बेजा शोषण करने वाले पादरियों-फादरों -धर्म प्रचारकों तथा अन्य विवादस्पद महात्माओं - योगियों धर्मगुरुओं की 'रासलीला' पर इन बयानवीरों की क्या प्रतिक्रिया रही है। राजनैतिक पटल पर ओमान चांडी ,राघवजी ,ध्रुबनारायण या भवरी देवी के हत्यारे नेताओं के ' अनैतिक' आचरण पर, किसने क्या कहा था और किसने क्या किया यह सर्वविदित है। उमा भारती के तो सौ खून माफ़ हैं क्योंकि वे तो 'साध्वीं हैं और ' पांचवीं' पास हैं। किन्तु प्रदेश के गृहमंत्री बाबूलाल जी गौर से जनता को ये उम्मीद नहीं थी कि अखिलेश की इस तरह से मदद करेंगे! उनकीं इस हरकत से तो कहना पड़ेगा कि "ऐसे मित्रों से तो विद्द्वान शत्रु ही बेहतर है " . वेशक मुलायम-अखिलेश आजम खां और 'सपा' नेताओं की बयानबाजी ने तथा उनकी सपा सरकार ने यूपी का सत्यानाश कर रखा है। किन्तु अपने व्यक्तिगत स्वजातीय' प्रेम के वशीभूत गौर साहिब [ असली नाम बाबूलाल यादव -गौर तो 'तखल्लुस'है ] ने जो गौर फरमाया कि"बलात्कार की घटनाओं को रोका नहीं जा सकता या कि पहले से पता होता तो पकड़ नहीं लेते! मध्यप्रदेश के गृहमंत्री का इस तरह से बयान देना कि "कोई व्यक्ति बताकर नहीं करता बलात्कार " नितांत निंदनीय है। उनके जैसे वयोबृद्ध तथा तपे हुए संघनिष्ठ 'स्वयंसेवक' से यह आशा नहीं थी। यदि मान लें कि वे 'संघ'रुपी हांडी का एक चावल हैं तो देश की प्रबुद्ध जनता को सोचना होगा कि संघ की विचारधारा क्या है ? संघ ने किस तरह के 'चाल-चरित्र-चेहरे वाले लोगों को अपने 'लक्ष्यपूर्ति' हेतु तैयार किया है ?कैसे 'शीलवान' लोगों को न केवल मध्यप्रदेश की बल्कि केंद्र की भी सत्ता सौंप दी है। बाबूलाल जी यादव उर्फ़ 'गौर'न केवल पढ़े -लिखे बल्कि बेहतरीन अनुभवी और भूतपूर्व 'मजदूर नेता'[बीएमएस वाले]माने जाते रहे हैं। लेकिन जब कभी लालू यादव ,मुलायम सिंह यादव ,अखिलेश यादव ,शरद यादव या किसी भी अन्य यादव नेता पर संकट आया है तो इन्होने साथ निभाया है। वे उसके साथ खड़े दीखते हैं जो उनकी जाति का है !क्या संघ की शिक्षा -दीक्षा यही है ?अभी कुछ दिनों पहले इन्ही गौर साहिब ने अपने यादव समाज के एक सम्मेलन में कहा था कि अच्छे-दिन आने वाले हैं कि मध्यप्रदेश का डीजीपी कोई यादव होगा !
मुझे मालूम है कि मध्यप्रदेश के वर्तमान गृहमंत्री श्री बाबूलाल जी 'गौर' लगभग पता नहीं ६० साल से राजनीति में हैं। मेरा ख्याल था कि वे खाँटी 'संघी' हैं इसलिए वे समस्त हिन्दू समाज के हित में ही सोचते होंगे। भाजपा की वर्तमान अप्रत्याशित जीत और 'मोदी सरकार' के आगाज से भी लगने लगा था कि 'संघ परिवार'-समस्त भाजपाई अब न केवल जातिवाद, न केवल सम्प्रदायवाद बल्कि क्षेत्रीयतावाद की अंत्येष्टी करके ही दम लेंगे।गौर साहिब के ख्यालात से ये सारे ख्याल धराशाई हो चुके हैं। जिस तरहसे मुलायमसिंह , अखिलेश , ,लालू,शरद यादव इत्यादि 'यादवी सेनानायक ''समाजवाद 'शब्द को बदनाम कर रहे हैं,उसी तरह से 'संघ परिवार ' के तमाम गौर जैसे सत्तारूढ़ भाजपाई नेता 'हिन्दुत्ववाद''राष्ट्रवाद'को बदनाम कर रहे हैं। दरशल ये सभी केवल कांग्रेस का निषेध मात्र हैं। उसकी कार्बन कापी बनने में इन्हे ज्यादा बक्त नहीं लगेगा।कांग्रेस यदि चोर साबित होकर जमीदोज हुई है तो ये बड़बोले वैकल्पिक नेता 'डाकू' साबित होकर इतिहास के बीहड़ों में फना हो जाएंगे। ये पब्लिक है सब जानती है !
न केवल 'संघ', न केवल जनसंघ ,न केवल 'जनता पार्टी', बल्कि भारतीय जनता पार्टी के संस्थापन से लेकर म. प्र. की वर्तमान शिवराज सरकार के गृह मंत्री की हैसियत तक गौर साहेब निरंतर इस तथाकथित 'संघ परिवार' के एक नामचीन नेता रहे हैं। किसी भी व्यक्ति से उम्मीद की जा सकती है कि जिस विचारधारा से वो सहमत है या जुड़ा हुआ है,यदि वह उसी के नाम पर खीर-मलाई खा रहा है तो कम से कम उस विचारधारा की 'ऐंसी -तैंसी ' तो न केरे।तात्पर्य यह है कि 'चाल -चेहरा - चरित्र' के बारे में ,अनुशाशन के बारे में ,भारतीय सांस्कृतिक चेतना के बारे में ,राष्ट्रवाद के बारे में,हिन्दू समाज में जातीय एकता के बारे में -यदि गौर साहिब ने यही सीखा है,जो वे 'बोल' रहे हैं और यदि ' संघ' ने भी यही सिखाया है तो कोई 'महा जड़मति ही कह सकता है कि 'देश की आवाम के अच्छे दिन आने वाले हैं '।
गौर साहिब के इस अपराधपोषक बयान के फ़ौरन बाद मध्यप्रदेश में ,मात्र १२ घंटों में १२ रेपकांड हो चुके हैं। ह्त्या - लूट पाट डकैती और भुखमरी तो आम बात है। किन्तु किसी खास नेता -मंत्री के बयान के बाद यदि ,धार,हरदा ,नीमच ,नारायणपुर इंदौर ,महू,देपालपुर ,भोपाल , जबलपुर,ग्वालियर पिपरिया और झाबुआ ही नहीं अन्य गाँवों-शहरों में भी इस तरह की दुखांत और जघन्य रेप की घटनाओं में वेषुमार इजाफा हो जाए तोजनता के 'मौनव्रत' से काम नहीं चलेगा। मीडिया को भी उत्तरप्रदेश से अपना लेंस' मध्यप्रदेश तथा पूरे देश में फोकस करना चहिये। किसी को अद्द्यतन जानकारी चाहिए तो पुलिस वेव साइट पर देख सकते हैं। जब यूपी ,एमपी या केंद्र का सत्तारूढ़ नेतत्व ही गैंग रेप -बलात्कार और अपराधों को हवा देगा तो देश का अब केवल 'भगवान ही मालिक है '!
श्रीराम तिवारी
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