[१]
दुर्घटना में चल वसे , मुण्डे गोपीनाथ।
महाराष्ट्र की भाजपा ,फिर से हुई अनाथ।।
फिर से हुई अनाथ ,दुखी भये उनके परिजन।
सत्तालोलुप बैचेन ,स्वार्थ लिए मन ही मन।।
भाजपा शिवसेना , लक्ष्य साधते अपना- अपना।
सत्ता भर मिल जाय ,भले ही होती रहे दुर्घटना ।।
[२]
ऊँचा दर्जा जब मिले ,मत दिखलाओ ऐंठ।
पॉवर मद में चूर कुछ ,हुए हैं मटियामेंट।।
हुए हैं मटियामेंट , बघारी जिनने शेखी।
यूपीए की दुर्गति ,सभी ने आँखन देखी।।
आडवाणी जशवंत , जोशी की हुई किरकिरी।
'संघ' नमोमय आज ,भूल कर राम-कृष्ण -हरि ।।
श्रीराम तिवारी
दुर्घटना में चल वसे , मुण्डे गोपीनाथ।
महाराष्ट्र की भाजपा ,फिर से हुई अनाथ।।
फिर से हुई अनाथ ,दुखी भये उनके परिजन।
सत्तालोलुप बैचेन ,स्वार्थ लिए मन ही मन।।
भाजपा शिवसेना , लक्ष्य साधते अपना- अपना।
सत्ता भर मिल जाय ,भले ही होती रहे दुर्घटना ।।
[२]
ऊँचा दर्जा जब मिले ,मत दिखलाओ ऐंठ।
पॉवर मद में चूर कुछ ,हुए हैं मटियामेंट।।
हुए हैं मटियामेंट , बघारी जिनने शेखी।
यूपीए की दुर्गति ,सभी ने आँखन देखी।।
आडवाणी जशवंत , जोशी की हुई किरकिरी।
'संघ' नमोमय आज ,भूल कर राम-कृष्ण -हरि ।।
श्रीराम तिवारी
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