शनिवार, 7 जून 2014

'संघ' नमोमय आज ,भूल कर राम-कृष्ण -हरि !

                 [१]

     दुर्घटना में चल  वसे  , मुण्डे  गोपीनाथ।

    महाराष्ट्र की भाजपा ,फिर से हुई अनाथ।।

    फिर से हुई अनाथ ,दुखी   भये  उनके  परिजन।

     सत्तालोलुप  बैचेन  ,स्वार्थ लिए  मन ही मन।।

    भाजपा शिवसेना  , लक्ष्य साधते अपना- अपना।

    सत्ता  भर मिल जाय ,भले ही होती रहे  दुर्घटना ।।

          
        [२]


 ऊँचा दर्जा जब मिले ,मत दिखलाओ ऐंठ।

  पॉवर  मद में चूर  कुछ   ,हुए हैं  मटियामेंट।।

  हुए हैं मटियामेंट , बघारी जिनने शेखी।

  यूपीए की दुर्गति  ,सभी ने   आँखन  देखी।।

 आडवाणी  जशवंत ,  जोशी की हुई किरकिरी। 

  'संघ' नमोमय आज  ,भूल कर राम-कृष्ण -हरि ।। 

   
     श्रीराम तिवारी










     

      

 


 

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