शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

दश -जनपथ की ललक मे, नेता हुए अधीर ..[दोहे]

        
          पद  पी .एम् .संजीविनी,केवल  एक अनार .

          इक दर्जन बीमार हैं , कैसे    हो     उपचार ..


         सत्ता मृग मारीचिका , जनादेश अनुमान .

         कनबतियां ख़बरें बनी ,ख़बरें बनी उड़ान ..


        नित  नई  कठिन चुनौतियां ,मुल्क हुआ हैरान .

        महंगाई -आतंक   तो , और    चढ़े     परवान ..


        पुलिस -दमन -शोषण-घुटन,घृणित तंत्र नाकाम .

         मूल्यहीनता  चरम पर , भ्रमित  हुई आवाम ..


        सत्ता की शीला हुई ,जातिवाद  का जाम .

        धर्मनिपेक्षता  की नर्तकी , मुन्नी हुई बदनाम।।


      आडवानी- मोदी खड़े , खड़े मुलायम  वीर .

      दस -जनपथ की ललक में ,हुए नितीश अधीर ..


     नहिं  विचार  नहिं  नीति कोई ,नहीं विकाश के काम .

    मनमोहन की  ऊँघ  से ,राहुल भये बदनाम ...

      श्रीराम तिवारी


      

    

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