बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

शहीद चंद्रशेखर आजाद अमर रहें !

       
       पुरवा   गाती   रहे  , पछुआ  गुन - गुन  करे ,

       मानसून  की सदा मेहेरवानी  हो .


       सावन सूना न हो ,भादों रीता न हो,

       नाचे वन -वन में मोर,मीठी वाणी हो ..


        यमुना कल-कल-करे,गंगा निर्मल बहे,

         कभी रीते न रेवा का पानी हो .


         दायें कच्छ का रन ,बाएं अरुणांचल ,

        ह्रदय गोदावरी-कृष्णा कावेरी हो ..


       माँ  की तस्वीर हो,माथे कश्मीर हो,

      धोये चरणों को सागर का पानी हो .


       उपवन खिलते रहें ,वन महकते रहें,

       खेतों -खलिहानों में हरियाली हो ..


      बीतें पतझड़ के दौर ,झूमे आमों में बौर,

      कुंके कुंजन में कोयलिया  कारी  हो .


      फलें -फूलें दिगंत,गाता आये वसंत,

      हर सवेरा नया और संध्या सुहानी हो ..


   महिमा उनकी रहे,रन में बलि-बलि गए,

  कर गए  यों न्यौछावर जवानी हो .


 हिल -मिल करना जतन ,कभी उजड़े न ये चमन,

अमर रहे चंद्रशेखर की शहादत निशानी हो ..


     श्रीराम तिवारी  


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें