बेटा बारिस है तो बेटी पारस है,
बेटा आनंद है तो बेटी ख़ुशी है,
बेटा ठहाका है तो बेटी हँसी है,
बेटा वंश है तो बेटी भी अंश है,
बेटा शान है तो बेटी आन है,
बेटा तन है तो बेटी मन है,
बेटा सुर है तो बेटी रागनी है,
बेटा संस्कार है तो बेटी संस्कृति है,
बेटा दवा है तो बेटी दुआ है,
बेटा पुरषार्थ है तो बेटी करुणा है,
बेटा शब्द है तो बेटी अर्थ है,
बेटा छंद है तो बेटी कविता है,
बेटा दीप-राग है तो बेटी मेघ मल्हार है,
बेटा भारत है तो बेटी भारतीयता है,
बेटा आत्मा है तो बेटी आत्मीयता है,
बेटा संघर्ष है तो बेटी क्रांति है,
बेटा चन्द्रमा तो बेटी कांति है,
नारी-उत्पीडन कन्या-भ्रूण हत्या-
असमानता -दुष्कर्म जघन्य हत्या,
बेटा उत्तराधिकारी और बेटी पराया धन,
जब तक समाज में रहेगा इसका चलन ,
और कायम रहेगी भ्रान्ति है,
तब तक दुनिया में घोर अशांति है,
श्रीराम तिवारी
बेटा आनंद है तो बेटी ख़ुशी है,
बेटा ठहाका है तो बेटी हँसी है,
बेटा वंश है तो बेटी भी अंश है,
बेटा शान है तो बेटी आन है,
बेटा तन है तो बेटी मन है,
बेटा सुर है तो बेटी रागनी है,
बेटा संस्कार है तो बेटी संस्कृति है,
बेटा दवा है तो बेटी दुआ है,
बेटा पुरषार्थ है तो बेटी करुणा है,
बेटा शब्द है तो बेटी अर्थ है,
बेटा छंद है तो बेटी कविता है,
बेटा दीप-राग है तो बेटी मेघ मल्हार है,
बेटा भारत है तो बेटी भारतीयता है,
बेटा आत्मा है तो बेटी आत्मीयता है,
बेटा संघर्ष है तो बेटी क्रांति है,
बेटा चन्द्रमा तो बेटी कांति है,
नारी-उत्पीडन कन्या-भ्रूण हत्या-
असमानता -दुष्कर्म जघन्य हत्या,
बेटा उत्तराधिकारी और बेटी पराया धन,
जब तक समाज में रहेगा इसका चलन ,
और कायम रहेगी भ्रान्ति है,
तब तक दुनिया में घोर अशांति है,
श्रीराम तिवारी
एक उत्तम और आदर्श कविता।
जवाब देंहटाएंबात की बात कि बेबात की फिक्र ---विजय राजबली माथुर
thank you comrade, aapne to kamaal kar diya itni jaldi pratikriya ye to record ho gaya?
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