बुधवार, 2 जनवरी 2013

कॉ. श्रीराम तिवारी 'सेवा-निवृत्ति' समारोह

   इंदौर दिनांक 31-12-2012,

                                              मेघदूत एक्सचेंज स्थित 'शाकुंतलम' सभागार  खचाखच  भरा हुआ है।  मंच पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं-श्री गणेश चन्द्र  पाण्डेय - वरिष्ठ महाप्रबंधक दूरसंचार,  मुख्य अतिथि हैं कामरेड सुधाकर  उर्ध्वारेषे ,विशेष अतिथि हैं कामरेड अजीत केतकर ' मुख्य पात्र '  कामरेड श्रीराम तिवारी और उनकी जीवन संगनी श्रीमती उर्मिला तिवारी।   कार्यक्रम का संचालन कर रहे हैं  कामरेड ए . के  राय .
                 कार्यक्रम के प्रारंभ में बालिकाओं ने  सरस्वती वंदना की। अपने  उद्घाटन भाषण  में डॉ . रवीन्द्र पहलवान ने  श्री श्रीराम तिवारी  की नूतन काव्य रचना '60-पन्ने' की रचनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने श्रीराम तिवारी की रचनाधर्मिता के सैद्धांतिक और कला पक्ष को वैज्ञानिक भौतिकवादी  तत्व चिंतन से  प्रेरित बताते हुए जनवादी काव्यानुभूति  में  मानवीय संवेदनाओं,सरोकारों और नैसर्गिक आंनद -अनुभूति  के प्रयोजनों में  भी सफल माना। कामरेड सुधाकर  उर्ध्वारेषे  ने  - मुख्य अतिथि  के रूप में अपना संबोधन    रखते हुए श्रीराम तिवारी की   चार दशकों की- सतत  संघर्ष- यात्रा का आद्द्योपांत उल्लेख किया। उन्होंने बताया की उम्र दराज़  लोग जीवन संघर्ष में परास्त होकर 'प्रगतिशील विचारधारा ' से विमुख होकर 'अद्ध्यात्म ' में शान्ति की तलाश करने लगते हैं।  श्री तिवारी जी की विशेषता है  कि  वे अपने बाल्यकाल में ही उस '  अद्ध्यात्म ' रुपी  गाय का दुग्ध पान कर चुके थे   जिसे पाने के लिए  लोग अपना सारा जीवन खप देते हैं। अद्ध्यात्म  से ऊपर उठकर वैज्ञनिक भौतिकवाद के रथ पर आरूढ़ होकर श्रीराम तिवारी जी ने ' अधुनातन वैज्ञानिक भौतिकवाद ' के 'अरिष्ट' में भारतीय और    जागतिक  दर्शन की  उस  चिंतन धारा  का पौष्टिक चूर्ण मिलाया  है जो न केवल व्यक्ति ,   न केवल परिवार , ना केवल राष्ट्र  बल्कि  सारे  संसार  के हितों से सरोकार रखती है।श्रीराम तिवारी  को  उनके  ट्रेड यूनियन  आन्दोलनो में शिरकत और साहित्य  में   यथानुकूल दखल  दोनों विधाओं से देश को, समाज को, मेहनतकशों  को  तो लाभ हुआ ही है  किन्तु   व्यक्तिगत 'रूप  से  उनको और परोक्ष रूप से उनके परिवार को सामाजिक और  सांस्कृतिक सम्मान का हकदार भी बनाया।  उन्होंने  श्रीराम तिवारी के  सुपुत्र डॉ प्रवीण तिवारी को  अपने आप में श्रीराम   तिवारी की 'श्रेष्ठ्तम   कृति'  निरुपित किया।
                      इस अवसर पर  मौजूद  विशिष्ठ  अतिथि  AIIEA  के महासचिव कामरेड अजीत केतकर  ने कहा  कि  किसी  भी राष्ट्रीय  स्तर  के संगठन  को या ट्रेड यूनियन श्रम संगठन को चलाने के लिए  दर्जनों युवा कार्यकर्ताओं   की दरकार हुआ करती है . कोई  अच्छा लिख पढ़ सकता है,कोई बेनर झंडे माइक संभालता है, कोई अच्छा भाषण देता है ,कोई लोगो को एकत्रित करता है,कोई अच्छे जोरदार नारे लगता है, कोई  प्रशाशन और  सरकार से निगोशिएट करता है और कोई  दरी बिछाता या पोस्टर पम्प्फ्लेट  दीवारों पर चिपकाता  है और कोई इन सबका नेत्रत्व करता है . इतने सब लोग हों तो संगठन ठीक से चलाया जाता है, चूँकि श्रीराम तिवारी   ने टेलीकॉम  बिभाग में और भारत संचार निगम में स्वयम ही संगठनों की स्थापना की थी अतएव  प्रारम्भ में उन्हें ही ये सब काम करने पड़े। साथी श्रीराम तिवारी इन अर्थों में सही मायनों में एक ' क्रूसेडर '  रहे हैं वे स्वयम 'वन  मेन  आर्मी '  रहे हैं में उनके साथ 25 वर्षों से  जुड़ा  हूँ।आइन्दा  भी साथ रहूँगा।तिवारी जी गलत बात का डटकर विरोध करते हैं  चाहे कोई भी फोरम क्यों न हो।  मैं  उनके  सुधीर्घ और दुखद  जीवन की कामना  करता हूँ।   उन्हें लाल सलाम करता हूँ।
                                                    इस अवसर पर भारत संचार निगम लिमिटेड के वरिष्ठ महाप्रबंधक श्री  गणेश   चन्द्र जी  पाण्डेय ने अपनी ओर से तथा बी एस एन एल की ओर से  श्री श्रीराम तिवारी को उनके 'सेवा निवृत्ति'  पर शुभकामनाएं  व्यक्त कीं। उन्होंने तिवारी जी को बेहतर संगठक ,ओजस्वी नेता और   क्रांतिकारी  कवि -    लेखक बताया।
                           
                           इस  अवसर पर AIBSNLEA  के राष्ट्रीय नेता आर बी  बाँके  जी , NFTEBSNL  के राष्ट्रीय संगठन सचिव  सी के जोशी जी,SNEA  के जिला सचिव एस के जोशी , BSNLEU  के जिला सचिव प्रकाश शर्मा , वरिष्ठ कामरेड सुन्दरलाल जी ,उज्जेन जिला सचिव -मनोज शर्मा ,जिला अध्यक्ष प्रेम शर्मा 'पथिक' लालावत,वेल्गोत्राजी, रोकड़े जी  खरगोन जिला सचिव  करण  सोलंकी ,कुंअर  पुष्पेन्द्र सिंह  चौहान,डॉ  परशुराम तिवारी ,रानी अग्रवाल ,एम् सी राज ,DGM  सांघी जी,DGM मिश्राजी, DGM  कुशवाह जी, मुख्य लेखाधिकारी  डहेरिया जी ,बी एस हाडा जी,कौशिक जी,एम् एल चौधरी जी, और संतोष शर्मा जी ने अपने भावबोधक संबोधन में श्री श्रीराम तिवारी को  क्रांतिकारी शिद्दत के साथ    सेवानिवृत्ति के शुभ अवसर पर   पर विदाई दी। इस अवसर पर सर्वश्री 





                                     नरेन्द्र चौबे,श्रीमती किरण चौबे,नंदनी,कार्तिक,रोहित,अभिमन्य्हू,  अंजना -मिलन तिवारी,अनामिका -माधव  उपाध्याय,अक्षत एवं दिनेश तिवारी विशेष रूप से मौजूद थे। व्यवस्था सर्व श्री ऐ के राय ,संतोष शर्मा, गंगम्वार ,शिखरचंद ,रानी अग्रवाल अजयसिंह तथा आर के श्रीवास्तव ने की . सूत्रधार श्री ऐ के राय  थे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें