हँसी ठिठोली मसखरी , पदोन्नति सम्पन्न।
जय - जय-जय युवराज की, कांग्रेस प्रशन्न।।
अनुभव बहुत अतीत के , नेता रहे बताय।
जयपुर चिंतन शिविर में , भीड़ पड़ी उमराय।।
..
दुनिया के सबसे बड़े ,लोकतंत्र की जान।
कांग्रेस से निकल रही , लोकतंत्र की जान।।
नीचे से ऊपर तलक, मनोनयन का गान।
ढोंग चुनावी प्रक्रिया , न कोई विधि विधान।।
जात-पांत के मूलधन, धर्म कौम के सूद।
कांग्रेस की कोख में, पहले से मौजूद।।
बटते पद वंशानुगत, केवल सत्ता ध्येय।
नव-सामंती नज़र में,प्रजातंत्र है हेय ।।
पूंजीवादी दलों के , चेहरे -कुलक -कुलीन।
रीति-नीति -नेत्रत्व सब , हैं सामंतयुगीन।।
उन्नत तकनीकी क्रांति, जिनको रही लुभाय।
मध्यम वर्गीय युवा को ,ये सिस्टम न सुहाय।।
युवा वर्ग अब सीखते,दर्शन-विधि-विधान।
न केवल प्रोफेशनल, बाइबिल -वेद - कुरान।।
जिनने ठगा है देश को,किया विपन्न अनाथ।
अगले आम चुनाव में, फिर जोड़ेंगे हाथ।।
पूंजीवादी चोंचले, समझ जाएँ जो यूथ।
तो दवंग न करे सकें,कब्जा वोटिंग बूथ।।
मंत्री कमीशनखोर हो , अफसर रिश्वतखोर।
सत्ता मनमानी करे,तो जनता होगी चोर।।
बिन रश्वत जिस देश ,में होता नहि निस्तार।
निर्धन युवा के सामने,विकल्प नहीं -दो-चार।।
जयपुर चिंतन शिविर में, नेता करे पुकार।
इस सिस्टम को बदल दो , जिसमें लूट अपार।।
भू स्वामी सामंत का,धनिक वर्ग का तंत्र।
बदलेंगे कैसे इसे,नहीं जानते मन्त्र।।
नई नीति नव तंत्र का , युवा करें संधान।
खुद को बदलेंगे सभी , तो होगा देश महान।।
श्रीराम तिवारी
,
जय - जय-जय युवराज की, कांग्रेस प्रशन्न।।
अनुभव बहुत अतीत के , नेता रहे बताय।
जयपुर चिंतन शिविर में , भीड़ पड़ी उमराय।।
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दुनिया के सबसे बड़े ,लोकतंत्र की जान।
कांग्रेस से निकल रही , लोकतंत्र की जान।।
नीचे से ऊपर तलक, मनोनयन का गान।
ढोंग चुनावी प्रक्रिया , न कोई विधि विधान।।
जात-पांत के मूलधन, धर्म कौम के सूद।
कांग्रेस की कोख में, पहले से मौजूद।।
बटते पद वंशानुगत, केवल सत्ता ध्येय।
नव-सामंती नज़र में,प्रजातंत्र है हेय ।।
पूंजीवादी दलों के , चेहरे -कुलक -कुलीन।
रीति-नीति -नेत्रत्व सब , हैं सामंतयुगीन।।
उन्नत तकनीकी क्रांति, जिनको रही लुभाय।
मध्यम वर्गीय युवा को ,ये सिस्टम न सुहाय।।
युवा वर्ग अब सीखते,दर्शन-विधि-विधान।
न केवल प्रोफेशनल, बाइबिल -वेद - कुरान।।
जिनने ठगा है देश को,किया विपन्न अनाथ।
अगले आम चुनाव में, फिर जोड़ेंगे हाथ।।
पूंजीवादी चोंचले, समझ जाएँ जो यूथ।
तो दवंग न करे सकें,कब्जा वोटिंग बूथ।।
मंत्री कमीशनखोर हो , अफसर रिश्वतखोर।
सत्ता मनमानी करे,तो जनता होगी चोर।।
बिन रश्वत जिस देश ,में होता नहि निस्तार।
निर्धन युवा के सामने,विकल्प नहीं -दो-चार।।
जयपुर चिंतन शिविर में, नेता करे पुकार।
इस सिस्टम को बदल दो , जिसमें लूट अपार।।
भू स्वामी सामंत का,धनिक वर्ग का तंत्र।
बदलेंगे कैसे इसे,नहीं जानते मन्त्र।।
नई नीति नव तंत्र का , युवा करें संधान।
खुद को बदलेंगे सभी , तो होगा देश महान।।
श्रीराम तिवारी
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