द्वंदात्मक भौतिकवाद और ऐतिहासिक भौतिकवाद बनाम मार्क्सवादी दर्शन :-
मंगलवार, 12 नवंबर 2024
द्वंदात्मक भौतिकवाद बनाम मार्क्सवादी दर्शन :-
मोदी के हाथ मजबूत करें।जय हिंद। वंदेमातरम्।
आज हर हाथ में स्मार्टफोन है, थोड़ी से दूर जाना हो तो आदमी बाइक से जाता है, देश में रिकॉर्ड तोड़ जीएसटी कलेक्शन हो रहा है,देशमें आर्थिक मंदी की कोई आशंका नहीं आई है, इस्लामिक आतंक और सुपर मुनाफा खोरी के बाबजूद भारत की विकास दर दुनिया में सर्वोच्च है।
कोई भले ही नरेंद्र मोदी की राजनीतिक विचारधारा को कुछ लोग न मानते और वेशक मोदीजी के राज में गरीब और ज्यादा गरीब हुए हैं मध्यम वर्ग की बचत कम होती जा रही है एवं अमीर और ज्यादा अमीर बन रहे हैं,किंतु यह हमें यह तो मानना ही पड़ेगा कि फिलहाल सारी दुनिया में नरेंद्र मोदी का डंका बज रहा है और बहरहाल दुनिया में उनकी टक्कर का दूसरा कोई नही है।
अंधभक्त
अंधभक्त - मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है,देख रहे हो 2050 तक हिन्दू समाज अल्पसंख्यक हो जायेगा!
वामन और विराट
ऋषि कश्यप,बृहस्पति,वामन अवतार, शुक्राचार्य, गर्ग,गौतम,शांडिल्य,उद्दालक,श्वेतकेतु,कपिलमुनि,भृगू,अंगिरा,भारद्वाज,कण्व,याज्ञ्यवलक्य,वेद व्यास शुकदेव,बादरायण,पाणिनि,पतंजलि,महान सम्राट पुष्यमित्र शुंग* ऋषि शौनक,सायणाचार्य, स्वामी महीधराचार्य,मध्वाचार्य,आदि शंकराचार्य, समर्थ रामदास,सम्राट दाहिरसेन और उनकी वीरांगना पुत्रियां, महान रानी झांसी,पेशवा बाजीराव,मंगल पांडे,चंद्रशेखर आजाद (तिवारी), पंडित रामप्रसाद बिस्मिल,पंडित मदनमोहन मालवीय,पंडित कैलाश नाथ काटजू गोविन्दवल्लभ पंत, करपात्री जी महाराज और सनातन धर्म की रक्षा करने वाले,अन्य अनगिनत ब्राह्मण शहीद बलिदानियों- 'महान पूर्वजों' पर गर्व करने के बजाय पता नहीं कब किसने अकेले 'भगवान परशुराम'को ब्राह्मणों का एकमेव आईकान याने प्रमुख आराध्य बना दिया? ज्ञातव्य है कि भगवान परशुराम की मां रेणुका एक क्षत्रिय कन्या थी ।और भगवान परशुराम के मामा ऋषि विश्वामित्र (क्षत्रिय)थे। वास्तव में परशुराम जी में ब्राह्मणत्व कम और क्षत्रिय गुण अधिक था। जबकि दैत्यराज बलि से तीन पग धरती दान में मांगने वाले भगवान ने पहले वामन (ब्राह्मण) फिर विराट रुप धारण कर अपने भक्त राजा बलि से इंद्रासन क्षीनकर देवराज इन्द्र को वापिस दिलाया।
एक मित्र को दिया गया जवाब।