गैलीलियो ने कहा था कि "पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है !" चूंकि गैलीलियो सिद्धांत बाईबिल की अवधारणा से भिन्न था,अत: चर्च ने उन्हें धर्मविरोधी कहा। और उससे ईसाइयत को खतरा बताकर दंडित भी किया ! किंतु 400 साल बाद पोप ने खुद अपने पूर्वजों की इस गलती के लिए माफी मांग ली।
बाकी धर्म-मजहब के लोगों में यदि साहस है तो वे भी अपने अतीत की ऐतिहासिक भूलों के लिये संसार से माफी मांगकर भूल सुधार का साहस दिखाएं!और वे साबित करें कि उनका धर्म -मजहब भी इसानियत की पक्की बुनियाद पर खड़ा है,जो
विज्ञान विरुद्ध नही है अपितु उसकी कसौटी पर खरा उतरने की कूबत भी रखता है!
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