शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

देख चुनौतियाँ डर गए ,'आप' केजरीवाल !

       भृष्टाचार विरोध से ,जन्में 'आप' महान।

      दिल्ली की सत्ता मिली ,बढ़ी 'आप' की शान।।



      असमय 'आप'  के पतन से ,सुखी संघ परिवार।

         पूरे देश में  भाजपा ,कार्यालय गुलजार।।


       बिना सींग के साँड़   सी  ,सूरत भई  बदहाल।

        अंगुली कटा  शहीद  भये , 'आप' केजरीवाल।।


       व्यक्तिवाद  नेतागिरी ,बिन विचार सिद्धांत।

      'आप' लोग सावित हुए ,अधकचरे दिग्भ्रांत।।


         कांग्रेस और भाजपा ,पृथक रूप गुण धाम ।

         भृष्टाचार के कूप  हैं   ,  इसीलिये  बदनाम ।


       जब से छेड़ी 'आप' ने , भृष्टाचार से जंग।

      जनता  ने जम कर  दिया   ,खूब 'आप'  का  संग।।


     लोकपाल बिल  दुर्दशा ,देख  सभी जन- दंग।

       सब जग ने  देखा सूना ,एल जी का रंग  ढंग ।।


       भृष्टाचार विरोध का ,झूंठा मचा बबाल।

       देख  चुनौतियाँ  डर  गए ,'आप' केजरीवाल ।।


       राजनीति  में  घुल चुकी  ,पूँजीवाद  की  भंग।

       कांग्रेस और भाजपा ,दोउ अम्बानी  संग।।


                     श्रीराम तिवारी


     

    


    


      


    


     

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