भारत दुर्दशा की ताजा तस्वीर [दोहे]
यु पी वेस्ट में इन दिनों ,चल रहा जंगल राज।
मानों अब परलोक से ,निकल पड़े यमराज।।
दो वाहन टकराए क्या , झगड़ पडीं दो कौम।
मजहब की तकरार में , धुन्धलाया है व्योम।।
मँहगाई की मार या , भृष्टाचार का शूल ।
कोल आवंटन फायलें ,कहाँ पर खातीं धूल ।।
मुद्रा का अवमूल्यन ,या घटता निर्यात ।
सब पर पर्दा पड़ गया , हो गई बीती बात।।
बात-बात में चल रही , गोली उर तलवार।
नौ जवानों का लहू , यम को रहा पुकार।।
भोग वासना में धंसे ,रंग- रंगीले संत।
मानव मूल्यों का किया , धर्मान्धता ने अंत।।
भरे -पड़े सरकार में ,अर्थ विषेशग्य तमाम।
मनमोहन के राज में ,रुपया गिर धडाम। ।
सोना या पेट्रोलियम , कंप्यूटर उत्पाद।
सब कुछ डालर में मिले ,देश हुआ बर्बाद।।
श्रीराम तिवारी
यु पी वेस्ट में इन दिनों ,चल रहा जंगल राज।
मानों अब परलोक से ,निकल पड़े यमराज।।
दो वाहन टकराए क्या , झगड़ पडीं दो कौम।
मजहब की तकरार में , धुन्धलाया है व्योम।।
मँहगाई की मार या , भृष्टाचार का शूल ।
कोल आवंटन फायलें ,कहाँ पर खातीं धूल ।।
मुद्रा का अवमूल्यन ,या घटता निर्यात ।
सब पर पर्दा पड़ गया , हो गई बीती बात।।
बात-बात में चल रही , गोली उर तलवार।
नौ जवानों का लहू , यम को रहा पुकार।।
भोग वासना में धंसे ,रंग- रंगीले संत।
मानव मूल्यों का किया , धर्मान्धता ने अंत।।
भरे -पड़े सरकार में ,अर्थ विषेशग्य तमाम।
मनमोहन के राज में ,रुपया गिर धडाम। ।
सोना या पेट्रोलियम , कंप्यूटर उत्पाद।
सब कुछ डालर में मिले ,देश हुआ बर्बाद।।
श्रीराम तिवारी
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