मंगलवार, 10 सितंबर 2013

भारत दुर्दशा की ताजा तस्वीर [दोहे]

           भारत दुर्दशा की ताजा तस्वीर [दोहे]


   यु पी वेस्ट में इन दिनों ,चल रहा  जंगल राज।

   मानों अब परलोक से ,निकल पड़े यमराज।।


    दो वाहन  टकराए क्या , झगड़  पडीं दो कौम।

    मजहब  की तकरार में ,  धुन्धलाया   है व्योम।।


      मँहगाई  की मार या  , भृष्टाचार  का  शूल ।

      कोल आवंटन  फायलें ,कहाँ पर खातीं  धूल ।।                       


       मुद्रा का अवमूल्यन ,या घटता निर्यात ।

       सब पर पर्दा  पड़  गया , हो गई बीती बात।।


         बात-बात में  चल  रही , गोली उर तलवार।                 

        नौ जवानों का लहू ,   यम को रहा पुकार।।


          भोग वासना में धंसे ,रंग-  रंगीले   संत।

     मानव मूल्यों का  किया , धर्मान्धता ने अंत।।


        भरे -पड़े सरकार में ,अर्थ विषेशग्य तमाम।

        मनमोहन के राज में ,रुपया गिर धडाम। ।


         सोना  या   पेट्रोलियम , कंप्यूटर उत्पाद।

         सब कुछ डालर में मिले ,देश हुआ बर्बाद।।



       श्रीराम तिवारी


   

     

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