बुधवार, 28 जुलाई 2010

लातीनी अमेरिका के मुक्ति संघर्ष में -चेगुएवेरा की भूमिका


वैसे तो साम्राज्यवादी शोषण के खिलाफ आक्रोश, विक्षोभ और स्वाधीनता के क्रांति युद्धों से सारे संसार का इतिहास भरा हुआ है, किन्तु भारत और दक्षिण अमेरिकी -लातीनी देशों के राष्ट्रीय मुक्ति संग्रामों में आश्चर्य जनक समानता दृष्टव्य है। भारत में शहीद भगतसिंह को जो सम्मान हासिल है। वही लातिनी अमेरिकी देशों में चेगुएवेरा को प्राप्त है। भारतीय उपमहाद्वीप की आज़ादी के उद्घाटक जिस तरह कुछ "बिगड़ैल " {अंग्रेजो की नज़र में } इंग्लिश या आयरिश थे उसी तरह लातीनी दुनिया का इतिहास लिखने वाले भी उन्हीं की कौम के चंद मानवीय स्वाभिमानी स्पेनी और पुर्तगाली ही थे। मूल देशों की सरकारों के विरुद्ध लम्बी लड़ाइयों के फलस्वरूप विशाल भू भाग को आज़ादी मिल सकी। १९ वीं सदी के तीसरे चौथे दशक तक लगभग सभी लातीनी अमेरिकी देश आज़ाद हो गए थे। इसके बाद भी लगभग पूरा उप महाद्वीप लम्बे समय तक राजनैतिक अस्थिरताओं, तानाशाहियों, गोरिल्ला-युद्धों एवं जन-क्रांतियों से अस्त व्यस्त रहा । साम्राज्यवाद के खूनी पंजों से इन प्रचूर प्राकृतिक संपदा संपन्न राष्ट्रों को मुक्त कराने और सही राजनैतिक व्यवस्था के अनुसार शोषण विहीन समाजवादी व्यवस्था स्थापित कराने के उद्देश्य से जिन महान क्रांतिकारियों ने अपना जीवन स्वाहा किया उनमें चेगुएवारा का नाम सबसे ऊपर है। १९५४ में अपने ग्वाटेमाला प्रवास के दौरान चे ने विभिन्न राजनैतिक कार्यवाहियों में क्रन्तिकारी भूमिका अदा की थी। खास तौर से उस वक्त जब सी आई ऐ ने सैनिक कार्यवाही के जरिये वहाँ की निर्वाचित सरकारों का तख्ता पलटना शुरू किया तो ग्वाटेमाला की प्रजातांत्रिक सरकार के कंधे से कन्धा मिलाकर चेगुएवारा ने जनता के निर्वाचित नेता जेकब आर्बेंज को सद्य्जनित आज़ादी की रक्षा के लिए भरपूर सहयोग और समर्थन देकर जन कार्यवाहियों का मार्गदर्शन किया। इसके बाद क्यूबा की क्रांति में संघर्षरत कॉमरेड फिदेल कास्त्रो को उनकी मुक्ति वाहिनी से जुड़कर पूँजी के साम्राजवादी लुटेरों से बहादुरीपूर्ण संघर्ष करते हुए ;क्यूबा को समाजवादी जनवादी व्यवस्था के अनुरूप सुशासन प्रदान किया। जीवन के अंतिम समय तक वे सम्पूर्ण लातिनी अमेरिका के राष्ट्रों को जनतंत्र और समाजवाद के मानवीय सामाजिक राजनैतिक दर्शन से युक्त क्रांतिकारी विचारों में ढालने का प्रयास करते रहे ।
कामरेड चेगुएवरा, कॉमरेड फिदेल कास्त्रो के प्रति सदैव मानवीय व भावनात्मक मित्रता से जुड़े थे। वे दुनिया तमाम सर्वहारा वर्ग से क्रांतिकारी रिश्तों में बंध कर शोषित जन गन के दिलों में उतरकर हमेशा के लिए अमर हो गए।

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