गुरुवार, 22 मई 2025

 अपि स्वर्णमयी लंका न मे लक्ष्मण रोचते । जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयस।।

:-मर्यादा पुरशोत्तम श्रीराम

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