शनिवार, 24 मई 2025

मैं ही भारतवर्ष हूँ

 मेरी वास्तविक आत्मा सारे भारतवर्ष की आत्मा है। जब में श्वांस  लेता हूँ तो अनुभव करता हूँ की सारा  भारत श्वांस ले रहा है। जब में बोलता हूँ तो मानकर चलता हूँ कि सारा भारत बोल रहा है। लगता है कि मैं ही भारतवर्ष हूँ ,मैं ही शंकर हूँ. यही मेरी  देशभक्ति का अति उच्च अनुभव है  और यही व्यवहारिक वेदांत दर्शन है। :-स्वामी रामतीर्थ 

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