सोमवार, 17 जून 2024

 अयं निज:परोवेत्ति गणना लघुचेतसाम् । उदारचरितानाम् तू बसुधैव कुटुम्बककम्।।"

ऋग्वेद 1-164-46

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें