नैतिकता आदर्श की , जिनको है परवाह।
आर एस एस के मुखन से , क्यों न निकली आह।।
कांग्रेस तो भृष्ट थी , इसीलिए गई हार।
पाक-साफ़ क्या भाजपा ,जनता कहे पुकार ।।
भृष्टाचार में मग्न है,मध्यप्रदेश सरकार ।
फिर भी हाँडी काठ की ,चढ़ती बारम्बार ।।
घोर कुशासन व्याप्त है,व्यापम -भृष्टम् राज।
अच्छे दिनों के दौर में ,संकट में शिवराज।।
श्रीराम तिवारी
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