महासिंधु से जब चला ,विकट फ़िलिन तूफ़ान।
तब मौसम विज्ञान ने ,किया सही अनुमान।।
पूरव तट भारत हुआ, चौपट निपट निदान।
जन-जन की रक्षा हुई , धन्य हैं सैन्य जवान।।
धन्य -धन्य वो मीडिया ,जिसने किया सचेत।
केंद्र -राज्य भी लगे थे ,मानवता के हेत।।
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यूपी के उन्नाव में ,तमाशबीन की भीर।
गड़ा खजाना खोजता ,पुरातत्व गंभीर।।
कितने किस्मत के धनी ,ये शोभन सरकार।
जिनको सपने में दिखा ,गड़ा स्वर्ण भण्डार।।
साधू ऐंसा चाहिए ,ज्यों शोभन सरकार।
जिसके सपने का हुआ ,दुनिया में प्रचार। ।
सपना ऐंसा देखिये ,गड़ा खजाना होय।
पुरातत्व की खोज को , मन ललचाता कोय ।।
किस्मत -भाग्य -सपना सुलभ ,मक्कारों को होय ।
सपनेहूँ होहिं भिखारी नृप , रंक अरबपति होय।।
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दतिया क्षेत्र रतनगढ़ ,माता मंदिर द्वार।
शारदीय नव-रात्र में मच गई हाहाकार।।
सकरे पुल पर जुट गई ,जबरन भगदड़ भीर।
पुलिस प्रशासन फेंकता ,शव नदिया के नीर।।
धन्य -धन्य शिवराज जय, मध्यप्रदेश सरकार।
लूटपाट हत्या -जुलुम ,हो रहा अपरम्पार।।
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कोलगेट में फंस रहे ,मनमोहन पी एम्।
सुपीम कोर्ट को पता है ,सी बी आई का एम्।।
के एम् बिडला क्या फंसे ,छिड़ी बाजार में जंग ।
पारिख पी एम् ओ हुए ,पटनायक के संग।।
राष्ट्रीय धन सम्पदा ,जीम रहे कुछ लोग।
सम्पन्न देश में मर रहे ,लाखों भूंखे लोग।।
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जीवन भर ठगते रहे ,लेकर हरि का नाम।
पाप घडा जब भर गया ,तो फंस गए आसाराम।।
बाप फँसा बेटा फँसा ,बेटी फँसी जवान।
आसुमल पत्नी फँसी ,जीवन नरक समान।।
उत्पीडन हत्या जुलुम ,ऐय्यासी व्यभिचार।
धर्म-कर्म की ओट में ,मादक दृव्य व्यापार।।
सौ-सौ जिसके आश्रम ,अरबों बेंक बेलेंस।
साधू है शैतान है,या केवल नानसेंस।।
श्रीराम तिवारी
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