शुक्रवार, 29 मार्च 2013

अजमेर शरीफ के 'जनाब जेनुल आबेदीन ख़ान साहेब ' सम्मान के हकदार ..

        
               ज़नाब   जेनुल आबदीन  खान साहेब   पर भारत को  नाज़ है .....!




    विगत दिनों पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री 'राजा परवेज ' जब अजमेर शरीफ पधारे तो  उन्हें एक
अप्रत्याशित स्थिति का सामना करना  पड़ा ,  जब वे 'ख्वाजा मोइनुद्दीन  चिस्ती ' याने गरीब नवाज़ के दरवार में  जियारत के लिए पूरे राजकीय सम्मान के  साथ तसरीफ  लाये तो दो  तरफ़ा प्रतिक्रिया से  सारा मीडिया
लवरेज था .एक तरफ केंद्र और  राजस्थान की  राज्य सरकार पलक पांवड़े लेकर उनकी मिजाज पुरसी या यों कहे की ' कूटनीतिक ' अतिथि सत्कार के लिए कटिबद्द थी तो   दूसरी  ओर' अजमेर शरीफ ' के गद्दीनशीन जनाब जेनुल आबदीन खान साहेब ने  पाकिस्तान के प्रधानमंत्री तथा उनके साथ आये  भारी -भरकम   जाय् रीनी काफिले का स्वागत करने से इनकार कर दिया .उनका कहना था  कि  पाकिस्तानी फौज के संरक्षण में पाकिस्तानी 'हत्यारों' ने  धोखे से दो भारतीय  जवानों के सर काट कर सीमाओं  पर जो दुष्कृत्य किया है  वो  न केवल भारतीय फौज के  खिलाफ ,न केवल भारतीय गणतंत्र के खिलाफ , बल्कि  प्रत्यक्ष रूप से भारतीय-  जनता अर्थात -हिन्दू -सिख- जैन-बौद्ध-ईसाई-पारसियों और  मुसलमानों समेत तमाम मज़हबों-  जातियों सम्प्रदायों   की गंगा-जमुनी तहजीव और सम्पूर्ण  प्रभुत्व  सम्पन्न   भारतीय  जनता -जनार्दन के खिलाफ  पाकिस्तान की रक्त पिपासु फौज का  नापाक हमला  था . चूँकि राजा  परवेज प्रधान मंत्री थे अतेव वे भी इस शर्मनाक  कुक्र्त्य  के लिए उतने ही जिम्मेदार हैं .
                                                  पाकिस्तान के कठमुल्लाओं , रक्त पिपासु फौजियों  और  उसको  हथियारों  की   निरंतर सप्लाई करने  वाली लाबी -  भारत विरोधी  ताकतों ने  भारतीय सीमाओं पर ,भारत के अन्दर और भारत  के   बाहर  अन्तराष्ट्रीय स्तर  पर निरंतर अघोषित युद्ध छेड़ रखा है.  भारत  के  अधिकांस  लोग  पाकिस्तान  से  दोस्ती  चाहते हैं . पाकिस्तान  की मेहनतकश आवाम को भी भारत  से कोई बैरभाव नहीं है  ,पाकिस्तान  के   प्रगतिशील  वुद्धि जीवी और मानव अधिकारवादियों की भी यही कोशिश रहती है  कि  भारत-पाकिस्तान अपनी-द्वीपक्षीय समस्याओं और सीमा विवाद को आपसी समझ बूझ से सुलझा लें और सीमाओं पर अमन शान्ति बनी रहे.  पाकिस्तानी साहित्यकार,लेखक,शायर और कलाकार  भी भारत के साथ अमन का  रिश्ता  कायम  रखना चाहते हैं , किन्तु पाकिस्तान का  मीडिया  ,पाकिस्तान  के  कठमुल्ले  और  पाकिस्तान  की सत्ता पर परोक्ष रूप से काबिज मिलिट्री  और दिग्भ्रमित भारत विरोधी मानसिकता वाली राजनैतिक दुष्प्रवृत्ति  ने पाकिस्तान को दुनिया भर  में  भारत का सनातन शत्रु ,  आतंकवाद का  जनक  और  एटमी  खलनायक के रूप में  कुक्ख्यात कर रखा  है .   पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जब भी  युद्ध छेड़ा या इस तरह की कोई हीन हरकत- जैसी की विगत दिनों  सीमाओं  पर की है, उसके द्वारा की गई तो भारत की फौज , भारत की जनता ने एकजुट  होकर उसे  करारा जबाब दिया है ,   इतिहास गवाह है कि  भारत के मुसलमानों  ने हर दफा अपनी   बहादुरी और- भारतीय - राष्ट्रनिष्ठा  के कीर्तिमान स्थापित कर   पाकिस्तान   को उसकी औकात दिलाई  और साथ ही  अपना घर  सुधारने  की नसीहत भी  दी है .
                                    जनाब जेनुल आबदीन खान साहेब ने 'अजमेर- शरीफ' से सारे संसार के मुसलमानों को सन्देश दिया है कि अव्वल तो   पाकिस्तानी हुक्मरानों  को गरीब नवाज  'ख्वाजा मोइनुद्दीन' चिस्ती के दरबार में आने  की  पात्रता  ही नहीं है . दूसरे  उनके  और पाकिस्तानी फौज के  गुनाह  नाकाबिले  बर्दास्त  और  माफ़ी  योग्य  नहीं हैं .   अजमेर शरीफ के प्रमुख जनाब जेनुल आबदीन खान साहेब को 'भारत रत्न' मिले या न मिले वे आज के इस  भयानक अलगाववादी  और  असहनशीलता के दौर में न केवल सम्मान के हक़ दार है अपितु  विश्व शांति के अलम वरदारों  में शुमार किये जाने योग्य  है . भारत के मुसलमानों को उन पर नाज़ है  और अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए देश भर से लोग उनसे मिलने की  तमन्ना रखते  हैं .इंदौर से सेकड़ों लोग आज अजमेर  शरीफ प्रस्थान कर चुके हैं .
                                                 जनाब जेनुल आबेदीन खान साहेब  ने  पाकिस्तान के प्रधान  मंत्री के लौटने के बाद जिस तरह अजमेर शरीफ और  उस इलाके  की  सड़कों को धुलवाया ,  वो  न केवल पाकिस्तानी  हुक्मरानों के लिए बल्कि उनके लिए भी  नसीहत का सबब  है जो भारतीय मुसलमानों को संदेह की नज़र से देखा करते है। उन्हें भी सोचने को मजबूर कर दिया जो 'स्वयम्भू' राष्ट्रवादी तो बनते हैं किन्तु घृणा की राजनीति  कर सत्ता पाने की नापाक  कोशिश में लगे रहते हैं .
                   इंदौर से आज शाम कुछ  लोग अजमेर शरीफ प्रस्थान कर चुके है जो कल अजमेर शरीफ के गद्दीनशीन जनाब  जेनुल आबेदीन खान साहब का शुक्रिया करेंगे  ,उन्हें सम्मानित  भी करेंगे .इस जत्थे का नेत्रत्व कर रहे हैं जनाब आरिफ  रहीम ,नासिर  कुरैशी ....! इस जत्थे में शामिल  सभी साथियों को  क्रांतिकारी अभिवादन और जनाब जेनुल आबेदीन साहेब को नमन . ख्वाजा गरीब नवाज को सादर प्रणाम .
                        श्रीराम तिवारी 
                                          

 

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