मंगलवार, 19 मार्च 2013

karunaanidhi kyon roye ?




      पहले द्रुमुक -मुरासोली -दयानिधि- कावेरी और बाद में,

          ए  राजा ने भृष्टाचार के बीज बोये .

     जब मौका मिला  तो  जय् ललिता की सामंतशाही-

      ऐयाशी  को लांघकर सत्ता शिखर पर जाकर सोये ..

     अब  श्रीलंकाई तमिलों  पर सिंहली अत्याचारों  के बहाने,

       कुनवे  को बचाने के अपने  सपने संजोये .

      अब  संयुक राष्ट्र मानव अधिकार द्वारा निंदा प्रस्ताव पर,

        मगरमच्छ के आंसू    करुणा  करके करूणानिधि रोये ..



                         श्रीराम तिवारी


    

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