कायरो बुजदिलो नाली के कीड़ो
दिल्ली हाई कोर्ट परिसर में
निर्दोषों का खून बहाने वाले नराधमो-तुम्हारा
कोई धरम कोई मज़हब दर्शन-
कोई दीनो-ईमान नहीं होता...
छुप-छुप कर कभी मुंबई कभी दिल्ली,
कभी मालेगांव कभी गुजरात में ,
आम आदमी का रक्त बहाने वालों का
कोई दीनो ईमान नहीं होता..
आज दिल्ली हाई कोर्ट के परिसर में ,
जिनका रक्त बहा,जिनके अंग-भंग हुए,
जिनके घर का चिराग बुझा ,जिनके
आश्रितों को मुफलिसी लाचारगी का ,
शिकार होना पड़ा उनमें-
हिन्दू -मुस्लिम -सिख सभी थे ,
सेकड़ों घायलों में इन सभी के मर्मान्तक ,
चीत्कार पर अठ्ठास करने वालो,
तुम्हारी मर्दानगी पर कुत्ते भी ,
मूतना पसंद नहीं करेंगे.
तुम नितांत डरपोंक हैवान हो,
खुदा,अल्लाह,इश्वर,वाहे गुरु,
उसका चाहे जो भी नाम रूप आकार हो,
उसका चाहे जो भी नाम रूप आकार हो,
वो भले ही तुम्हे भूल जाएया माफ़ कर दे ,
किन्तु इंसानियत में तुम्हें सिर्फ -धिक्कार है.
धिक्कार है,बारम्बार धिकार है...
मानवता के हत्यारों,बम बारूदसे,
हिंसा रक्तपात और बाद-अमनी से ,
तुम्हें सिर्फ एक चीज हासिल होगी ,
अनंतकाल तक नारकीय वेदना,
अपने किये हुए अक्षम्य अपराध ,
लिए अपना शेष जीवन मानवता ,की सेवा
में समर्पित करो-इसी में तुम्हारा कल्याण है...
इंसानियत के,अमन के,अक्ल के दुश्मनों को ,
इश्वर,अल्लाह,परवरदिगार सद्बुद्धि दे,
अमन-शांति-भाईचारा ज़िन्दवाद....
मानवता के हत्यारों,बम बारूदसे,
हिंसा रक्तपात और बाद-अमनी से ,
तुम्हें सिर्फ एक चीज हासिल होगी ,
अनंतकाल तक नारकीय वेदना,
अपने किये हुए अक्षम्य अपराध ,
लिए अपना शेष जीवन मानवता ,की सेवा
में समर्पित करो-इसी में तुम्हारा कल्याण है...
इंसानियत के,अमन के,अक्ल के दुश्मनों को ,
इश्वर,अल्लाह,परवरदिगार सद्बुद्धि दे,
अमन-शांति-भाईचारा ज़िन्दवाद....
श्रीराम तिवारी
really heart toughing "वहशी दरिंदो को ईश्वर सद्बुद्धि दे."...taki..ho." अमन-शांति-भाईचारा ज़िन्दवाद".....sir iswar aapki pukar ko jarur sune taki hum apni dharti maa ke aanchal me chain ki sans le sake ....
जवाब देंहटाएंthank you ashok for ausipicious comments.
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