शुक्रवार, 24 सितंबर 2010

हम सब एक हैं ....

जल से कमल की ,कमल से जल की ,
जल और कमल से सरोवर की शोभा है ।
मणि से कंकन की, कंकन से मणि की ,
मणि और कंकन से हाथों की शोभा है ॥
चंदा से रजनी की ,रजनी से चंदा की ,
चंदा और रजनी से तारों की शोभा है .
फूल से भंवरों की भंवरों से फूलों की ,
फूल और भंवरों से उपवन की शोभा है ॥
गीता की कुरान से ,कुरान की गीता से ,
कुरान और गीता से मानव की शोभा है ।
ईद से दिवाली की ,दिवाली से ईद की ,
ईद और दिवाली से पर्वों की शोभा है ॥
गंगा से यमुना की ,यमुना से गंगा की ,
गंगा और यमुना से संगम की शोभा है ।
त्याग से शान्ति की ,शांति से त्याग की ,
शान्ति और त्याग से भारत की शोभा है ॥
-- श्रीराम तिवारी --

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