अंग्रेज आये सिगरेट पी ओर आधी पीकर फेँक दी, उस फेँकी हुई झूठी सिगरेट को किसी घोंचू टाइप इंडियन लङके ने उठाया ओर एक कश मारा और बहुत हल्कापन महसूस किया!और दो चार कश और मार लिये,और बङा गर्व करने लगा कि आज तो क्वालिटी वाली धूम्रपान का सेवन किया! ऐसे ऐसे वो घोचुँ ( कूल ड्युड ) 'अँधो मे काँणा राजा' हो गया !फिर उसने घोंचुओं की एक जमात इकट्ठी कर ली,जो ऐसे ही अँग्रेजो की झूठन चाटती फिरती रही!धीरे धीरे यह जमात समस्त भारत में फैल गई, अँग्रेजों की सिगरेट धङल्ले से भारत मे बिकने लगी।
अब यदि दूसरों की खुशी में तुम्हारी खुशी है और दूसरों का जश्न आपका जश्न है तो! खू अंग्रेजी नव वर्ष मनाओ khuब पियो दारू, मनाओ हैप्पी न्यू ईयर,फिर न कहना कि बुढ़ापे में बच्चो ने घर से निकाल दिया। संस्कार नही दोगे,, तो हालत बहुत बुरी होगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें