आम चुनाव में हारकर,क्यों भरते हो आह!
नैतिकता आदर्श की,किसको है परवाह!!
कांग्रेस यदि भृष्ट थी,सो गई इसीलिए हार।
पाकसाफ़ है भाजपा,फिर बन गई सरकार !!
भृष्टाचार में लिप्त हैं,अफसर बाबू बदकार!
फिर भी हाँडी काठ की ,चढ़ती बारम्बार !!
घोर कुशासन व्याप्त है,हर विभाग में आज!
नवरत्नों पर गिर रही, निजीक्षेत्र की गाज!!
नैतिकता आदर्श की,किसको है परवाह!!
कांग्रेस यदि भृष्ट थी,सो गई इसीलिए हार।
पाकसाफ़ है भाजपा,फिर बन गई सरकार !!
भृष्टाचार में लिप्त हैं,अफसर बाबू बदकार!
फिर भी हाँडी काठ की ,चढ़ती बारम्बार !!
घोर कुशासन व्याप्त है,हर विभाग में आज!
नवरत्नों पर गिर रही, निजीक्षेत्र की गाज!!
श्रीराम तिवारी
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