सोमवार, 8 जुलाई 2019

यों ही मुस्कुराया कर!

खुद को इतना भी मत बचाया कर!
बारिशें हों कभी तो भीग जाया कर!!
चाँद लाकर कोई नहीं देगा तुझे,
खुद अपने चेहरे से जगमगाया कर!
दर्द हीरा है, दर्द मोती है,पन्ना है,
दर्द को आँखों से मत बहाया कर!!
काम ले कुछ हसीन होंठो से भला,
बातों-बातों में यों ही मुस्कुराया कर!
धूप मायूस हो लौट जाती है तन्हा,
छत पे तन्हाई मिटाने आया कर!!
कौन कहता है तुझसे दिल लगाने को,
फासले मंजूर पर हाथ तो मिलाया कर !

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